Prajwal Revanna Case: पूर्व पीएम देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद, घरेलू सहायिका से रेप और वीडियो बनाने का दोषी करार
बेंगलुरु की विशेष अदालत ने जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को घरेलू सहायिका से बलात्कार और अश्लील वीडियो रिकॉर्ड करने के संगीन मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उनके ऊपर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और पीड़िता को सात लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया।
यह मामला 2021 के कोविड लॉकडाउन के दौरान की घटनाओं से जुड़ा है, जब 48 वर्षीय घरेलू सहायिका, जो रेवन्ना परिवार के गन्नीकदा स्थित फार्महाउस में काम करती थी, ने गंभीर आरोप लगाए थे। महिला ने बताया कि प्रज्वल रेवन्ना ने हासन और बेंगलुरु में दो बार उसका बलात्कार किया और इन घटनाओं का वीडियो भी रिकॉर्ड किया। बाद में इस आपराधिक गतिविधि का खुलासा तब हुआ, जब अप्रैल 2024 में हजारों अश्लील वीडियो हासन में पेन ड्राइव के जरिए वायरल हो गए।
पीड़िता की शिकायत पर होलेनरसिपुरा ग्रामीण पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन हुआ। SIT ने 1,632 पेज की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 26 पुख्ता सबूत शामिल थे। फॉरेंसिक और डीएनए जांच में यह स्पष्ट हो गया कि अपराध में प्रज्वल रेवन्ना की संलिप्तता है। पीड़िता के कपड़ों पर उनका डीएनए मिला, जो केस का निर्णायक मोड़ साबित हुआ।
जज संतोष गजानन भट ने 1 अगस्त 2025 को प्रज्वल को दोषी ठहराया था और अब सजा सुनाई गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह सजा चार मामलों में से पहली है, जो प्रज्वल के खिलाफ दर्ज हैं। उनके अन्य मामलों की सुनवाई अभी लंबित है।
चौंकाने वाली बात यह रही कि मामला सामने आने के बाद प्रज्वल रेवन्ना लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जर्मनी भाग गए थे। लेकिन 31 मई 2024 को जैसे ही वे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर लौटे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी ओर से दायर की गई कई जमानत याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गईं।
अपने बचाव में प्रज्वल ने अदालत में तर्क दिया कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और चुनाव के समय ही जानबूझकर उछाला गया, लेकिन अदालत ने साक्ष्यों की मजबूती को देखते हुए इन तर्कों को सिरे से खारिज कर दिया।
प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच डी रेवन्ना के बेटे हैं और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी के भतीजे हैं। उनके इस घिनौने अपराध और अदालत के फैसले ने न सिर्फ उनके राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है, बल्कि देवेगौड़ा परिवार की छवि को भी गहरा आघात पहुंचाया है।



