दिल्ली सरकार के प्रयास से मिली ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति : राजकुमार बल्लन
* आप पार्टी की सरकार नें नहीं किया कभी प्रयास
– हर्ष भारद्वाज – नई दिल्ली , दीपावली पर अब दिल्ली के लोग खासतौर से बच्चे ग्रीन पटाखे चला अपनी खुशियाँ जाहिर कर सकेगें और जगमगाती आतिशबाजी का आनन्द ले सकेगें | यह कहना है वरिष्ठ भाजपा नेता दिल्ली प्रदेश किसान मोर्चे के प्रभारी राज कुमार बल्लन का | राजकुमार बल्लन कहते है रेखा गुप्ता सरकार नें इस ओर लोगो की भावनाओं को समझते हुए गंभीरता दिखाई और सुप्रीम कोर्ट में बड़ी मजबूती के साथ अपना तर्क रखा जिसपर सुनवाई के दौरान ही आभास हो गया था रेखा गुप्ता सरकार नें जो तर्क रखे हैं उनमें दम है और माननीय कोर्ट नें यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया जिससे लोगो के चेहरे खिल उठे |

सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ी राहत देते हुए ग्रीन पटाखों के उपयोग की सशर्त अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने पर्यावरणीय चिंताओं, त्योहारों की भावनाओं और पटाखा उद्योग से जुड़े लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल नीरी प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकेंगे और वह भी निर्धारित समय और स्थानों पर। राजकुमार बल्लन कहते हैं कि अरविन्द केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध लगाया था और सिर्फ सरकार बदलते ही दिवाली पर प्रतिबंध हट गया।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब दिल्लीवासियों को पूरी तरह से ग्रीन पटाखों वाली दिवाली मनाने का अधिकार मिला है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार भी ऐसा कर सकती थी, लेकिन पहली बार सरकार बदलते ही दिवाली पर प्रतिबंध हटा। राजकुमार बल्लन नें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दिल्लीवासियों ने एक अच्छी सरकार चुनी और सरकार के प्रयास सफल हुए। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में पटाखे जलाते समय लोगों को डर लगता था क्योंकि केजरीवाल सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा था। इस बार ग्रीन पटाखों के उपयोग से लोग सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से त्योहार मना पाएंगे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि दिवाली जैसे पवित्र पर्व पर लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि पूर्ण प्रतिबंध से उत्सव की रौनक फीकी पड़ती है और पटाखा उद्योग और उससे जुड़े हजारों परिवारों की आजीविका प्रभावित होती है। रेखा सरकार ने अदालत से आग्रह किया कि पर्यावरण संरक्षण और जनभावनाओं के बीच संतुलन बनाते हुए ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के सभी उपायों का पालन करेगी और केवल नीरी प्रमाणित ग्रीन पटाखों के उपयोग को सुनिश्चित करेगी, ताकि त्योहार की खुशियां और स्वच्छ हवा दोनों सुरक्षित रहें। श्री बल्लन कहते हैं रेखा गुप्ता के तर्क जानदार रहे | सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन ग्रीन पटाखों का उपयोग सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ही किया जा सकेगा।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं होगी, दिल्ली-एनसीआर के बाहर से कोई भी पटाखा नहीं लाया जाएगा, और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। नकली ग्रीन पटाखे पाए जाने पर संबंधित दुकान या वितरक का लाइसेंस तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध न तो व्यावहारिक है और न ही आदर्श स्थिति, इसलिए संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। अदालत ने सरकारों और अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिए कि केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों का उपयोग सुनिश्चित करें, ताकि दिवाली का उत्सव और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रह सकें। इस फैसले के बाद दिल्ली में दिवाली की तैयारियां जोरों पर हैं और लोग ग्रीन पटाखों के साथ सुरक्षित और पर्यावरण-सम्मत तरीके से त्योहार मनाने की तैयारी कर रहे हैं।



