JK Udhampur: उधमपुर एयरबेस पर पाकिस्तानी ड्रोन हमला विफल, मलबे की चपेट में आकर भारतीय जवान शहीद
सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान अपनी उकसावे वाली गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा। शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के उधमपुर एयरबेस पर पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन हमले की नाकाम कोशिश की। भारतीय सेना ने सतर्कता दिखाते हुए आसमान में ही ड्रोन को मार गिराया, लेकिन दुर्भाग्यवश उसके मलबे की चपेट में आकर ड्यूटी पर तैनात एक जवान शहीद हो गया। यह जवान झुंझुनू, राजस्थान के रहने वाले सुरेंद्र सिंह मोगा जी का पुत्र बताया जा रहा है।
घटना के तुरंत बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम झुंझुनू के वीर सपूत की शहादत को सलाम करते हैं और उनके परिवार के साथ इस कठिन घड़ी में खड़े हैं।” उधमपुर एयरबेस पर तैनात भारतीय सुरक्षाबलों ने जिस तेजी और सटीकता से पाकिस्तानी ड्रोन को पहचानकर नष्ट किया, उससे एक बड़े हमले को विफल कर दिया गया। लेकिन मलबे का एक हिस्सा गिरने से जवान गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसने दम तोड़ दिया।
कश्मीर घाटी में हालांकि शनिवार रात को स्थिति थोड़ी सामान्य रही। छह दिनों में यह पहली रात थी जब विमानों, मिसाइलों और ड्रोन की आवाजें नहीं गूंजीं। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, रात 11 बजे के बाद नियंत्रण रेखा के किसी भी सेक्टर से संघर्षविराम उल्लंघन की कोई खबर नहीं आई। रावलपोरा के निवासी शाहजहां डार ने बताया कि “लंबे समय बाद हम चैन की नींद सो सके। हम उन सभी लोगों के आभारी हैं जिन्होंने इस युद्ध को रोकने में मदद की।”
हालांकि सीमावर्ती इलाकों से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे लोग अभी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। उरी निवासी अब्दुल अजीज ने कहा, “हमने संघर्षविराम के बाद भी कल रात ड्रोन और रॉकेट उड़ते देखे। हम प्रार्थना कर रहे हैं कि यह शांति बनी रहे लेकिन फिलहाल हम कुछ दिन और इंतजार करेंगे।”
शनिवार शाम को भी घाटी में दर्जनों पाकिस्तानी ड्रोन उड़ते देखे गए थे, जो संघर्षविराम की शर्तों का खुला उल्लंघन है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ जब भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्षविराम के लिए सहमति जताई थी। इससे पहले, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी ठिकानों पर जोरदार कार्रवाई की थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।
भारतीय सेना की मुस्तैदी से जहां एक बड़ा खतरा टल गया, वहीं जवान की शहादत ने पूरे देश को एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक हरकतों की याद दिला दी है। देशभर में शहीद जवान के बलिदान को सलाम किया जा रहा है और उसके परिवार के साथ एकजुटता दिखाई जा रही है।



