Nitish Kumar Announcement: चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान: वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन तीन गुना बढ़ी
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक दांव चलते हुए वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारकों को राहत देने की घोषणा की है। अब तक जो पेंशन राशि मात्र ₹400 थी, उसे तीन गुना से भी अधिक बढ़ाकर ₹1100 प्रतिमाह कर दिया गया है। इस फैसले से राज्य के लाखों पेंशनधारकों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद इस ऐतिहासिक निर्णय की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) के ज़रिए साझा की। उन्होंने लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत विधवा महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को अब हर महीने ₹400 की जगह ₹1100 की पेंशन मिलेगी। सभी लाभार्थियों को जुलाई महीने से यह बढ़ी हुई राशि मिलने लगेगी। पेंशन की राशि लाभार्थियों के खाते में हर महीने की 10 तारीख को भेजी जाएगी।”
बिहार के वित्त विभाग की औपचारिक मंजूरी के बाद यह निर्णय प्रभावी हो गया है और इसके तहत कुल 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों को फायदा मिलेगा। इनमें से 42.60 लाख से अधिक बुजुर्ग अकेले वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं।
पहले कितनी मिलती थी पेंशन?
अब तक बिहार की मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत 60 से 79 वर्ष के बुजुर्गों को ₹400 प्रति माह और 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को ₹500 प्रति माह पेंशन दी जा रही थी। वहीं विधवा महिलाओं और दिव्यांगजनों को भी ₹400 रुपये की मासिक राशि मिलती थी, जो अब सीधे ₹1100 हो गई है।
यह योजना 2019-20 में शुरू की गई थी, और तभी से विभिन्न संगठनों और हितधारकों द्वारा राशि बढ़ाने की मांग उठती रही थी। समाज कल्याण विभाग ने भी यह बात मानी थी कि वर्तमान राशि महंगाई के लिहाज से अपर्याप्त है।
आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल के समय उठा था मुद्दा
सूत्रों के मुताबिक जब राज्य में आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल हुई थी, उस वक्त भी यह मुद्दा गहराई से उठाया गया था कि वृद्धावस्था पेंशन योजना की राशि असंगत है और इसे त्वरित रूप से बढ़ाया जाना चाहिए। सरकार ने अब उस लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार कर लिया है।
राजनीतिक और सामाजिक संदेश
नीतीश कुमार का यह फैसला एक ओर जहां करोड़ों जरूरतमंदों को राहत देगा, वहीं चुनावी समीकरणों में भी यह एक मजबूत संदेश है। सामाजिक सुरक्षा पर इस प्रकार का निवेश राज्य सरकार की कल्याणकारी प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
अब देखना होगा कि इस बड़े फैसले के बाद राजनीतिक विरोधियों की प्रतिक्रिया क्या होती है, लेकिन फिलहाल बिहार के लाखों पेंशनधारकों के लिए यह किसी त्योहार से कम नहीं है।



