सर्दी के मौसम में ज्यादातर सांप -अजगर नहीं खाते खाना

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अजगर
सर्दी के मौसम में ज्यादातर सांप -अजगर नहीं खाते खाना

सर्दी के मौसम में ज्यादातर सांप -अजगर नहीं खाते खाना

* हर रोज खाना नहीं खाते सांप

– रविन्द्र कुमार –

नई दिल्ली ,चिड़ियाघर घूमने के लिए जाने वालों के लिए अच्छी खबर है।अजगर, कोबरा जैसे सरीसृप 6 महीने की सर्दी की नींद से जाग गए हैं। इनके जागने के पश्चात अब चिड़ियाघर के रेप्टाइल हाउस को टूरिस्टों के लिए खोल दिया गया है। अब चिड़ियाघर में लोग इनका दीदार कर सकेंगे। जिसमें पाइथन, कोबरा और अन्य सांप हैं। सांप ठंड के मौसम में छुप जाते हैं और अब वे गर्मी आते ही सक्रिय हो गए हैं। दर्शकों को 12 से 15 फीट लंबा अजगर देखने का मौका मिलेगा।

दिल्ली चिड़ियाघर सरीसृप घर में 14 कमरों में विभिन्न प्रजाति के सांप हैं। विजिटर्स के देखने के लिए कमरों में शीशे लगे हुए हैं। ज़ू में कुल 25 सांप है। उनमें अजगर 10 कमरों में हैं। जहरीला कोबरा एक कमरे में हैं। पानी के सांप की 2 प्रजातियां हैं (रेड/सामान्य) उन्हें 5 कमरों में रखा गया है। छिपकली प्रजाति की गोह (मॉनिटर लिजर्ड) 2 कमरों में हैं। रेप्टाइल हाउस में विजिटर 60 कछुओं को भी देख सकेंगे। ज़ू क्यूरेटर डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि सांप ‘कोल्ड बल्डेड एनिमल’ होते हैं। इनके शरीर का तापमान वातावरण के साथ बदलता है। ठंड में इनके शरीर की गतिविधियां न्यूनतम हो जाती है। इनके लिए ठंड सबसे अप्रिय मौसम है। यह खाना भी नहीं खाते हैं। ठंड के दिनों में यह छिप जाते हैं। दिखाई नहीं देते हैं। अब हमने मार्च के दूसरे सप्ताह से इन्हें खाना देना शुरू किया है सांप हर रोज खाना नहीं खाते हैं। वे हफ्ते या 10 दिन में एक बार खाना खाते हैं। शेष दिन उसे पचाने में लगे रहते हैं। ज़ू में सांपों को जिंदा चूजे और खरगोश खिलाने की व्यवस्था की गई है।

डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इसमें कुल 25 सांप है। इनमें 10 अजगर, 1 कोबरा, 1 वाटर स्नेक, रेड सैंड बोआ और कॉमन सैंड बोआ शामिल हैं। इन सांपों को अलग-अलग कमरों में रखा गया है। साथ ही 2 कमरों में छिपकली प्रजाति की गोह (मॉनिटर लिजर्ड) भी हैं। इसके अलावा चिड़ियाघर घूमने के लिए आने वाले दर्शक रेप्टाइल हाउस में अलग-अलग प्रजाति के कछुओं को भी देख पाएंगे। गौरतलब है कि ज़ू प्रशासन ने हमेशा की तरह अक्टूबर में रेप्टाइल हाउस को दर्शकों के लिए बंद कर दिया था। सांपों के संरक्षण के लिए बड़ी मात्रा में उनके बड़े कमरों में पुआल बिछा दिया गया था। अब गर्मी बढ़ने पर सांपों में हरकत आई है। गर्मी के साथ ही उनकी गतिविधियां भी तेज हो जाती है।

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