महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में मोदी और केजरीवाल रहे नाकाम : कैलाश जैन

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महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में मोदी और केजरीवाल रहे नाकाम : कैलाश जैन
महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में मोदी और केजरीवाल रहे नाकाम : कैलाश जैन

महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में मोदी और केजरीवाल रहे नाकाम : कैलाश जैन

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : देश में महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है जिससे राजधानी दिल्ली भी अछूती नहीं है लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार इन समस्याओं को ले कुछ भी नहीं कर रही | जबकि नरेंद्र मोदी का चुनावी नारा था बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार | उन्होंने कहा था हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार दिए जायेगें लेकिन ना तो महंगाई क रफ्तार पर लगाम कसी गई और ना ही बेरोजगारों को रोजगार दिए गए |

यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कैलाश जैन का | कैलाश जैन कहते है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल नें बेरोजगारी दूर करने के कोई कदम उठाये | कैलाश जैन नें उक्त विचार राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये |

कैलाश जैन नें कहा कहा कि राजीव जी एक दूरदर्शी एवं विचारशील व्यक्ति थे और देश में  राजीव जी की कम्प्यूटर, तकनीकी और संचार क्रांति के जनक के रुप में पहचान है। जिन्होंने 21वीं सदी में देश के सामने आई चुनौतियां और जरूरतों का सामना करते हुए भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए तैयार किया। मोदी सरकार जिस भारत की डिजीटल प्रणाली और तकनीकी ताकत का बखान विश्व भर में करती है, उसकी नींव राजीव जी ने अपने प्रधानमंत्रित्व में रख दी थी।

कैलाश जैन  ने कहा कि राजीव जी की ही दूरदर्शिता थी जिसने कम्प्यूटर और दूरसंचार क्रांति को समय से पहले देश में लाए, जिसका परिणाम आज भारत दुनिया में अग्रिम पंक्ति में खड़ा दिखाई देता है। कैलाश जैन  ने कहा कि केंद्र में मोदी और दिल्ली में केजरीवाल की दोनों ही सरकारें वर्तमान की सामाजिक जटिलताओं, आर्थिक संकट और विषमताओं, महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से निपटने की बजाय स्टार्टअप, मेक इन इंडिया, डिजीटल इंडिया और भविष्य में 25 वर्ष बाद के भारत की बात करके लोगों का ध्यान समाज में उत्पन्न मूल समस्याओं से दूर करके ध्यान भटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार मध्यम वर्ग, मजदूर वर्ग, निम्न व गरीबों को जीविका बचाने, बढ़ती बेरोजगारी, मंहगाई को रोकने में पूरी तरह से विफल रही हैं, जबकि राजीव जी का सपना था कि हर गरीब देशवासी देश के विकास का भागीदार बनें।

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