Delhi Fire: दिल्ली के वजीराबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के मालखाने में भीषण आग, सैकड़ों जब्त गाड़ियां जलकर खाक
दिल्ली मेंसुबह एक बड़े हादसे में वजीराबाद स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के केंद्रीय मालखाने में अचानक भीषण आग लग गई। यह हादसा उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास क्षेत्र में स्थित पुलिस परिसर में हुआ, जहां आग लगते ही पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। मालखाने में आग इतनी तेजी से फैली कि वहां खड़ी सैंकड़ों जब्त गाड़ियां कुछ ही पलों में जलकर खाक हो गईं। इस घटना ने दिल्ली पुलिस की संपत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह भयावह हादसा सुबह तकरीबन 4 बजकर 32 मिनट पर हुआ, जब दमकल विभाग को आग लगने की सूचना मिली। दमकल विभाग ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल मौके पर सात से अधिक फायर टेंडर रवाना किए। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमों ने बिना समय गंवाए राहत कार्य शुरू कर दिया। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका। राहत की बात यह रही कि इस पूरे हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, हालांकि आर्थिक नुकसान भारी बताया जा रहा है। आग ने देखते ही देखते पूरे मालखाने को अपनी चपेट में ले लिया और वहां खड़ी गाड़ियां जलकर पूरी तरह से नष्ट हो गईं।
वजीराबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का यह मालखाना वर्षों से जब्त किए गए वाहनों का भंडारण स्थल था। इन वाहनों को दिल्ली पुलिस ने विभिन्न आपराधिक मामलों, ट्रैफिक उल्लंघनों और गैरकानूनी गतिविधियों के चलते जब्त किया था। लेकिन इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या इन वाहनों की सुरक्षा और रख-रखाव के लिए कोई पुख्ता इंतजाम थे? प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह तकनीकी खामी या शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है, लेकिन किसी भी सटीक निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले फॉरेंसिक टीम और दमकल विभाग की संयुक्त जांच जरूरी होगी।
हादसे के बाद दिल्ली पुलिस और दमकल विभाग ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच अधिकारी अभी आग की उत्पत्ति के सटीक कारणों का पता लगाने में जुटे हैं। मालखाने में तैनात कर्मियों और चश्मदीदों से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह जान सकें कि आग कैसे लगी और क्या शुरुआती लपटों को समय पर रोका जा सकता था। इस आग से दिल्ली पुलिस को न केवल भारी नुकसान उठाना पड़ा है, बल्कि इससे संबंधित कानूनी मामलों पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि जो वाहन सबूत के तौर पर रखे गए थे, वे अब नष्ट हो चुके हैं।
इस घटना के बाद एक बार फिर राजधानी में सरकारी परिसंपत्तियों की सुरक्षा पर बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस प्रकार से इतने बड़े मालखाने में आग बुझाने के लिए न तो पर्याप्त अग्निशमन उपकरण थे और न ही कोई तत्काल चेतावनी प्रणाली, वह व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करता है। अगर समय पर और प्रभावी सुरक्षा उपाय किए गए होते तो शायद इस तबाही को टाला जा सकता था।
फिलहाल दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों ने इस घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा गया है कि इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, राजधानी के सभी पुलिस मालखानों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।
दिल्ली के लिए यह हादसा एक चेतावनी की तरह है कि जब तक सुरक्षा उपाय केवल कागज़ों पर ही बने रहेंगे और उनकी जमीनी स्तर पर निगरानी नहीं होगी, तब तक इस तरह की घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। इस अग्निकांड ने न केवल सैंकड़ों गाड़ियों को नष्ट कर दिया, बल्कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कड़ी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या सामने आता है और सरकार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती है।