सियासी शतरंज के चलते कटा मनोज त्यागी का नाम जिला अध्यक्ष सूची से

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मनोज त्यागी
सियासी शतरंज के चलते कटा मनोज त्यागी का नाम जिला अध्यक्ष सूची से

सियासी शतरंज के चलते कटा मनोज त्यागी का नाम जिला अध्यक्ष सूची से

पिछली बार मनोज तिवारी नें ही बनवाया था त्यागी को अध्यक्ष

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,सियासत भी अजीब है कभी इस पासे तो कभी उस पासे जी हाँ हम सही कह रहे है और आप भी हैडलाइन पढ़ समझ ही गए होंगे कि आज मनोज भैया के बारे में ही हम चर्चा करने जा रहे है और वो भी एक नहीं बल्कि दो-दो मनोज यानी एक सांसद मनोज तिवारी तो दूसरे कल तक जिला अध्यक्ष रहे मनोज त्यागी की | वैसे तो यह टोपिक इतना महत्वपूर्ण नहीं था जिस पर चर्चा की जाए लेकिन यमुनापार में कोई सियासी हलचल हो और उसपर हम मौन रहे यह भी हमें अच्छा नहीं लगता |

आपको मालुम ही है लंबी कवायद के बाद आखिर भाजपा नें अपने जिलाध्यक्षो की घोषणा सोमवार को कर दी है ,हालांकि जातीय समीकरण साधने का प्रयास तो किया गया है लेकिन सूची तैयार होने के बाद कई बार नामों में अदलाबदली करनी पड़ी, कहावत है जो जीता वही सिकन्दर, भले ही उसके लिए मानदंड तोड़े जाए या समीकरण बदले जाएँ ,मोहरे बदले जाएँ ,आखिर शतरंज तो शतरंज ही है और सामने है तो खेलनी भी पड़ेगी | दरअसल मनोज तिवारी को पार्टी नें कभी भी फ्री हैण्ड नहीं दिया सन्गठन का मसला हो या निगम व विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन का | पिछली बार भी सन्गठन में उन्हें एक ही जिला मनोज त्यागी के रूप में मिला था वहीं इस बार भी डॉ.यू.के.चौधरी के रूप में एक पर ही उन्हें संतोष करना पड़ा |

इस बार मनोज त्यागी का विरोध केवल और केवल इसलिए सांसद जी को करना पड़ा कि प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा नें उनके नाम पर मुहर लगा दी थी | बताया जाता है मनोज त्यागी पिछले काफी समय से वीरेंद्र सचदेवा की परिक्रमा में व्यस्त थे जो उन्हें भारी पड़ा इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता |
जहां तक वीरेंद्र सचदेवा का सवाल है वे केवल मयूर विहार जिले से बिजेंद्र धामा और नवीन शाहदरा जिले से मनोज त्यागी की दुबारा से ताजपोशी चाहते थे लेकिन मनोज तिवारी के कड़े रुख के चलते ऐसा नहीं हो पाया और पूर्व में अध्यक्ष रहे मास्टर विनोद का नम्बर लग गया |

हालांकि इस जिले से स्वाति गुप्ता,दुष्यंत वर्मा भी मजबूत दावेदार थे लेकिन मनोज भैया को ये नाम सूट नहीं करते थे क्यों नहीं हीं करते थे उस पर चर्चा बाद में करेगें लिहाजा उन्होंने मास्टर विनोद के नाम पर सहमती जता वीरेंद्र सचदेवा की चाल को भी नाकाम कर दिया | उत्तर पूर्वी जिले में डॉ.चौधरी सोलह आने मनोज भैया के खाते से हैं तो शाहदरा जिले से दीपक गाबा के नाम पर किसी को भी विरोध नहीं था उन्हें हर्ष मल्होत्रा और वीरेंद्र सचदेवा सहित और भी कई बड़े नेताओ का वरदहस्त उन्हें प्राप्त था | आज बस इतना ही ….

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