Lucknow Loot Gang: लखनऊ में सवारी बनकर लूट करने वाली महिला गैंग का पर्दाफाश, छह गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक ऐसे लूटपाट गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो सवारी बनकर ई-रिक्शा में चढ़ने वाली महिलाओं को निशाना बनाता था। यह गिरोह पूरी तरह महिलाओं से बना था, जिसे लखनऊ पुलिस ने एक जाल बिछाकर धर दबोचा। पकड़ी गई छह महिलाओं के पास से तीन सोने की चेन, एक माला और 13 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं। इन महिलाओं की गिरफ्तारी के साथ ही गोमती नगर, चिनहट और विभूतिखंड में हुई कई लूटपाट की घटनाओं का राज खुल गया है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार महिलाएं ई-रिक्शा में सवार होकर अन्य महिला यात्रियों से बातचीत करती थीं और मौका मिलते ही उनके गहने या पैसे लेकर फरार हो जाती थीं। ये सभी महिलाएं पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों — चंदौली, मऊ और गाजीपुर — से आकर राजधानी में वारदातों को अंजाम देती थीं। बताया जाता है कि इनका तरीका बेहद शातिर था और वे भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाकर पुलिस की नजरों से बचने की कोशिश करती थीं।
महिला उपनिरीक्षक गुरु प्रीत कौर को इस गैंग की गतिविधियों की जानकारी पहले से मिली थी। उन्होंने चौकी प्रभारी हुसड़िया और महिला पुलिस टीम के साथ रणनीति बनाकर गोमती नगर क्षेत्र में जाल बिछाया। मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छह महिलाओं को उस समय पकड़ लिया, जब वे एक नई लूट की योजना बना रही थीं।
गिरफ्तार महिलाओं की पहचान ज्योति, माला, अर्चना (तीनों जनपद चंदौली), लक्ष्मी (जनपद मऊ), नीतू (जनपद चंदौली) और वंदना (जनपद गाजीपुर) के रूप में हुई है। पूछताछ में उन्होंने कई वारदातों की जिम्मेदारी कबूल की है। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों और संभावित ठिकानों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह महिला गैंग राजधानी में सक्रिय अन्य गिरोहों के लिए भी चेतावनी है। शहर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब विशेष अभियान चलाया जाएगा। वहीं स्थानीय निवासियों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है और राहत की सांस ली है, क्योंकि हाल के दिनों में गोमती नगर और आसपास के क्षेत्रों में इस तरह की घटनाओं से दहशत फैल गई थी।
यह मामला राजधानी में अपराध के बदलते तरीकों की ओर इशारा करता है, जहां अब महिला अपराधी भी सक्रिय गिरोहों में शामिल होकर वारदातों को अंजाम दे रही हैं। पुलिस की तत्परता और मुखबिर तंत्र की मदद से इस गैंग का खुलासा समय रहते हो गया, जिससे आगे की संभावित घटनाओं को रोका जा सका।



