Terrorist Saifullah Khalid killed: पाकिस्तान में लश्कर आतंकी सैफुल्लाह खालिद ढेर: भारत में तीन बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था
पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकी सैफुल्लाह खालिद की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या कर दी गई है। अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। खालिद भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी था और तीन बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा है। वह लंबे समय से नेपाल से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहा था। वर्तमान में वह पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन और हैदराबाद जिलों में लश्कर-ए-तैयबा के लिए भर्ती और फंडिंग का काम संभाल रहा था। वह रजाउल्लाह के फर्जी नाम से छिपकर रह रहा था।
खालिद का मुख्य काम लश्कर और जमात-उद-दावा के लिए फंड इकट्ठा करना और युवाओं की भर्ती करना था। वह वर्षों तक नेपाल में सक्रिय रहा, जहां से वह भारत में आतंकवादी साजिशों को अंजाम देता रहा। भारतीय खुफिया एजेंसियों को जब उसके नेपाल में होने का पता चला, तो वह पाकिस्तान भाग गया और वहीं छिपकर रह रहा था।
भारत में सैफुल्लाह खालिद की भूमिका
सैफुल्लाह खालिद भारत में हुए तीन बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है।
2005 बेंगलुरु हमला: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान हुए हमले में एक प्रोफेसर की मौत और कई लोग घायल हो गए थे। हमला एक सुनियोजित साजिश थी जिसे बाहर निकलते समय लोगों को निशाना बनाकर अंजाम दिया गया।
2006 नागपुर आरएसएस मुख्यालय हमला: खालिद ने नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय पर हमले की साजिश रची थी। आतंकी एंबेसडर कार में पुलिस की वर्दी पहनकर पहुंचे थे। हालांकि, हमला करने से पहले ही पुलिस ने तीनों आतंकियों को मार गिराया था। उनके पास से AK-56 राइफल, हैंड ग्रेनेड और आरडीएक्स बरामद हुए थे।
2008 रामपुर CRPF कैंप हमला: उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थित सीआरपीएफ कैंप पर खालिद ने हमला करवाया था, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे। इस मामले में तीन आतंकियों को NIA ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
भारतीय एजेंसियों की नजर में था खालिद
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सैफुल्लाह खालिद को “मोस्ट वांटेड” घोषित कर रखा था। नेपाल में उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी, लेकिन जब खतरा बढ़ा तो वह पाकिस्तान भाग गया। पाकिस्तान में भी वह आतंक का नेटवर्क फैलाने में जुटा हुआ था। खालिद की मौत को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
रहस्यमयी ढंग से हुई हत्या
खालिद की मौत को लेकर पाकिस्तान में सुरक्षा एजेंसियां चुप्पी साधे हुए हैं। अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मार दी, लेकिन अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। कुछ सूत्रों के मुताबिक यह आतंरिक गुटबाजी या आईएसआई की सफाई प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है, जबकि कुछ का मानना है कि यह भारत की खुफिया रणनीति का असर है।
सैफुल्लाह खालिद की मौत से लश्कर-ए-तैयबा को बड़ा झटका लगा है। भारत के खिलाफ आतंकी नेटवर्क तैयार करने वाला एक मुख्य चेहरा अब खत्म हो चुका है।



