Kulgam Encounter 2025: कुलगाम में तीसरे दिन भी मुठभेड़ जारी, अब तक तीन आतंकी ढेर – 2025 का सबसे बड़ा ऑपरेशन
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवाद के खिलाफ चलाया जा रहा सुरक्षाबलों का बड़ा अभियान तीसरे दिन भी जारी है। कुलगाम के अखल देवसर के घने जंगलों में छिपे आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में अब तक तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। यह मुठभेड़ इस साल का अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक ऑपरेशन माना जा रहा है।
शनिवार को हुई कार्रवाई में दो आतंकियों को ढेर किया गया था। इनमें से एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हारिस नजीर के रूप में हुई है, जो पुलवामा जिले के कच्चीपोरा का निवासी था। हारिस 24 जून 2023 को आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था और बायसरन हमले के बाद जारी की गई 14 वांछित आतंकियों की सूची में उसका नाम शामिल था। वह लश्कर-ए-तैयबा का सी-श्रेणी का सक्रिय आतंकी था।
दूसरे आतंकी को शनिवार दोपहर को मारा गया था, जबकि तीसरे आतंकी को रविवार को सुरक्षाबलों ने ढेर किया। हालांकि तीसरे आतंकी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। शनिवार की रात को भी भारी गोलीबारी जारी रही, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इलाके में अभी और आतंकी छिपे हो सकते हैं।
ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार की रात करीब 8 बजे इनपुट मिला कि देवसर क्षेत्र के अखल जंगलों में चार से पांच आतंकी मौजूद हैं। इसके बाद सेना की 9 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), कुलगाम पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। इसी दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और मुठभेड़ तेज हो गई। अंधेरे और घने जंगल का फायदा उठाते हुए कुछ आतंकी अंदर भाग निकले, लेकिन सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई जारी रखी।
मुठभेड़ के दौरान एक सैन्य अधिकारी घायल हो गया, जिन्हें तत्काल श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पूरे इलाके में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ड्रोन और हाई-टेक उपकरणों की मदद से आतंकियों की मौजूदगी की निगरानी की जा रही है।
शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि ड्रोन फुटेज में जंगल के भीतर दो आतंकियों के शव दिखाई दिए थे। इसके बाद उन तक पहुंचने की कार्रवाई भी शुरू की गई। जंगल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबलों ने बहादुरी और रणनीतिक दक्षता का परिचय देते हुए ऑपरेशन को आगे बढ़ाया।
इस ऑपरेशन ने न केवल लश्कर जैसे आतंकवादी संगठनों को बड़ा झटका दिया है, बल्कि दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त संदेश भी दिया है। माना जा रहा है कि इस ऑपरेशन से कुलगाम और आस-पास के इलाकों में सक्रिय आतंकियों का मनोबल भी टूटा है।



