Kalyanpuri Road Collapse: पूर्वी दिल्ली में बड़ा हादसा टला, कल्याणपुरी में सड़क धंसी, 50 फीट गहरा गड्ढा, बाइक सवार बाल-बाल बचे
पूर्वी दिल्ली के कल्याणपुरी थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब सड़क अचानक धंस गई। देखते ही देखते सड़क पर करीब 50 फीट गहरा और विशाल गड्ढा बन गया, जिसमें किसी बड़े वाहन के समा जाने की पूरी गुंजाइश थी। गनीमत यह रही कि हादसे के समय कोई भारी वाहन या बाइक सवार इस गड्ढे में नहीं गिरा, जिससे बड़ा नुकसान टल गया। हालांकि घटना ने राजधानी की जर्जर बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोल दी है।
स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि यह गड्ढा इतना विशाल है कि दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तक उसमें समा गए हैं। घटना के बाद तुरंत हरकत में आई दिल्ली पुलिस ने एहतियातन आने-जाने वाले दोनों रास्तों को बंद कर दिया है। ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
त्रिलोकपुरी विधानसभा से बीजेपी विधायक रविकांत उज्जैन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह समस्या अचानक नहीं आई, बल्कि बीते चार दशकों से क्षेत्र में पाइपलाइन और सीवर सिस्टम की उपेक्षा होती रही है। उन्होंने कहा, “पिछले 40 वर्षों में इस इलाके में सीवर की पाइपलाइन का कोई कार्य नहीं हुआ है। यहां से तीन विधानसभाओं की पाइपलाइनें गुजरती हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।”
विधायक उज्जैन ने यह भी जानकारी दी कि उन्हें एक घंटा पहले इस गड्ढे की गंभीरता की सूचना मिली थी। “दो दिन पहले यहां एक छोटा सा गड्ढा बना था, जिसके बाद मैंने दिल्ली जल बोर्ड और अन्य संबंधित विभागों को मौके पर बुलाकर काम शुरू करवाया। लेकिन आज यह सड़क पूरी तरह से धंस गई है,” उन्होंने कहा।
फिलहाल दिल्ली जल बोर्ड, PWD, पुलिस प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और संयुक्त रूप से हालात का जायजा ले रहे हैं। पूरे क्षेत्र को बंद कर दिया गया है और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। विधायक ने आश्वासन दिया कि आगामी दो दिनों में इस कार्य का टेंडर खोल दिया जाएगा और मरम्मत कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर से दिल्ली की सड़कों की खराब स्थिति, वर्षों से लंबित पाइपलाइन योजनाओं और प्रशासनिक उदासीनता की ओर जनता और मीडिया का ध्यान खींचा है। साथ ही यह सवाल भी खड़ा हुआ है कि आखिर दिल्ली जैसे महानगर में बुनियादी ढांचे की दशा इतनी जर्जर क्यों है कि सड़कें कभी भी धरती में समा सकती हैं।



