Trump Tariff India: अमेरिका ने भारत पर लगाया 25% टैरिफ, ट्रेड डील की उम्मीदों को झटका, ट्रंप का एकतरफा फैसला
नई दिल्ली / वॉशिंगटन, 29 जुलाई 2025: भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% आयात टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब दोनों देशों के बीच संभावित व्यापार समझौते (ट्रेड डील) को लेकर बातचीत उन्नत चरण में थी। ट्रंप ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर यह ऐलान करते हुए कहा कि यह टैरिफ 1 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगा।
ट्रंप ने कहा, “भारत हमारा मित्र है, लेकिन पिछले कई वर्षों से हमारे व्यापारिक संबंध संतुलित नहीं रहे हैं। भारत के टैरिफ विश्व में सबसे अधिक हैं, जो अमेरिका के लिए व्यापारिक असमानता पैदा करते हैं। हमने भारत के साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, और यह स्थिति अब और नहीं चल सकती।”
ट्रंप ने रूस से भारत के सैन्य संबंधों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भारत लगातार रूस से रक्षा उपकरण खरीदता रहा है, जबकि दुनिया यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा कर रही है। उन्होंने कहा, “यह दोहरी नीति नहीं चल सकती। यदि वैश्विक शांति चाहिए तो सभी देशों को स्पष्ट रुख अपनाना होगा। भारत का रूस से बढ़ता व्यापार उचित नहीं है।”
ट्रंप के इस फैसले से भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को तगड़ा झटका लगा है। यह निर्णय एकतरफा रूप से लिया गया है और भारत सरकार की ओर से इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय स्थिति का आकलन कर रहे हैं और जल्द ही भारत का जवाब आ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ से भारत के कुछ प्रमुख निर्यात क्षेत्रों पर सीधा असर पड़ सकता है, जिनमें टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्युटिकल उत्पाद शामिल हैं। ट्रंप के इस निर्णय को अमेरिकी घरेलू राजनीति और चुनावी रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जहां ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे को फिर से उभारने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिका को भारत का निर्यात 22.8% की वृद्धि के साथ 25.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि अमेरिका से भारत का आयात 11.68% बढ़कर 12.86 अरब डॉलर हो गया है। यह भारत के लिए सकारात्मक व्यापार संतुलन को दर्शाता है, जिसे अब ट्रंप के फैसले से चुनौती मिल सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम ने व्यापारिक संगठनों और निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि भारत सरकार अमेरिकी प्रशासन से वार्ता कर इस टैरिफ को टालने या सीमित करने में सफल होगी। वहीं वैश्विक मंचों पर भी यह मुद्दा तूल पकड़ सकता है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक व्यापार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है।



