IndiGo flight cancellation: 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने पर इंडिगो पर DGCA सख्त, पायलटों की कमी और थकान पर भी उठे सवाल
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की 100 से अधिक उड़ानों के रद्द होने और कई विमानों के घंटों देरी से संचालित होने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कड़ा रुख अपनाया है। DGCA ने एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर आपात बैठक बुलाई है। इस घटना के बाद देशभर के प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और कई जगहों पर अफरातफरी की स्थिति बन गई।
बुधवार को देश के अलग-अलग एयरपोर्ट से बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द की गईं। सूत्रों के अनुसार, बेंगलुरु से 42, दिल्ली से 38, मुंबई से 33 और हैदराबाद से 19 उड़ानें रद्द हुईं। इंडिगो रोज़ाना करीब 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन करती है, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में फ्लाइट कैंसिल होना यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी बन गया।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच पायलट एसोसिएशन ALPA इंडिया ने भी DGCA से गंभीर अपील की है। एसोसिएशन ने मांग की है कि फ्लाइट स्लॉट और शेड्यूल मंजूर करते समय एयरलाइन के पास मौजूद पायलटों की वास्तविक संख्या और उनकी कार्य क्षमता को ध्यान में रखा जाए। साथ ही हाल ही में लागू हुए फैटीग रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम (FRMS) को पूरी सख्ती से लागू करने की जरूरत बताई गई है, ताकि पायलटों पर जरूरत से ज्यादा दबाव न पड़े और उड़ान सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
DGCA ने इंडिगो से मौजूदा हालात पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें उड़ानों के रद्द होने और देरी के पीछे के कारणों के साथ-साथ भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने की ठोस योजना भी शामिल होगी। DGCA का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इंडिगो ने भी इस मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि पिछले दो दिनों से अचानक आई कई संचालन संबंधी समस्याओं के चलते नेटवर्क पर गंभीर असर पड़ा है। एयरलाइन के मुताबिक, तकनीकी खामियां, सर्दियों के शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, बढ़ता एयर ट्रैफिक और नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) व्यवस्था इसके प्रमुख कारण रहे हैं। इंडिगो ने यात्रियों से असुविधा के लिए माफी भी मांगी है।



