दिल्ली की जहरीली हवा में नहीं हो पा रहा सुधार : देवेन्द्र शर्मा
बेहद खराब बनी हुई है दिल्ली की हालत
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : दीपावली के बाद से राजधानी दिल्ली जहरीली बनी हुई है | आलम यह है की दिल्ली की हवा में सांस भी आसानी से नहीं ली जा रही | हर सांस के साथ शरीर में जहर घुल रहा है जो लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है | यह कहना है प्रमुख समाजसेवी वरिष्ठ नागरिक देवेन्द्र शर्मा का | देवेन्द्र शर्मा कहते हैं वे अधिकतर ऋषिकेश रहते हैं लेकिन दिल्ली भी उनका आना जाना लगा रहता है दीपवाली के मौके पर वे अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही थे लेकिन दिल्ली की आबोहवा नें उनका जीना मुश्किल कर दिया और उन्हें मजबूरी में दिल्ली छोडनी पड़ी | देवेन्द्र शर्मा कहते है कई-कई कमरों में हवा शुद्ध करने के लिए लगाये गए उपकरण भी हवा को साफ़ नहीं कर पा रहे | दिवाली बीतने के कई दिन बाद भी दिल्ली की हालत बेहद खराब बनी हुई है | देवेन्द्र शर्मा कहते हैं दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को भी खराब बनी रही और लगातार पांचवें दिन ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई। दिवाली से पहले प्रदूषण स्तर में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है, जिसके चलते शहर के नौ निगरानी केंद्र ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी यानी ‘रेड जोन’ में पहुंच गए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शनिवार शाम चार बजे तक राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 268 रहा, जो ‘‘खराब’’ श्रेणी की श्रेणी में आता है। श्री शर्मा कहते हैं खबरों के मुताबिक एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक सवा तीन सौ के आसपास दर्ज किया गया, जो ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में आता है। वहीं, नोएडा में करीब तीन सौ रहा, जो ‘‘खराब’’ श्रेणी में गिने जाते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार में सबसे अधिक एक्युआइ 389 रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा वजीरपुर में 351, बवाना में 309, जहांगीरपुरी में 310, ओखला में 303, विवेक विहार में 306, द्वारका में 310 और सिरी फोर्ट में 307 का स्तर दर्ज हुआ। वे सवाल करते हैं अब आप ही बताये इतनी जहरीली दिल्ली में क्या करें रहकर | वे कहते हैं वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए यह वातावरण बेहद घातक है | श्री शर्मा कहते हैं उनकी आयु 82 साल हो चुकी है हवा में इतना झर घुलते उन्होंने कभी महसूस नहीं किया | श्री शर्मा कहते हैं सरकार कृत्रिम बरास्त की बातें तो कर रही है लेकिन दिल्ली के दम घोटू प्रदूष्ण का वह स्थायी समाधान नहीं है |सरकार को इस ओर कड़े कदम उठाने पड़ेगें ,कड़े नियम बनाने होंगे और पर सख्ती से अम्ल भी करना होगा | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार, दो सौ से 300 तक एक्युआइ खराब और तीन सौ से 400 तक ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में माना जाता है। और दिल्ली में लगातार यह इसी तरह झर उगल रहा है जिसके अगले कुछ दिनों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही | अनुमान है कि आने वाले दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता इसी स्तर पर बनी रह सकती है।



