दिल्ली की हवा उगल रही है जहर,पड़ रही है लोगो की सेहत पर भारी : अजय अरोड़ा

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अजय अरोड़ा
दिल्ली की हवा उगल रही है जहर,पड़ रही है लोगो की सेहत पर भारी : अजय अरोड़ा

दिल्ली की हवा उगल रही है जहर,पड़ रही है लोगो की सेहत पर भारी : अजय अरोड़ा

अक्टूबर का महीना इस बार ज्यादा परेशानियां लेकर आया नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली में हवाओं का रुख जहरीला बना हुआ है | आलम यह है कि दिवाली बीतने के दस दिनों के बाद भी दिल्ली के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं | और ट्रिपल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है | यह कहना है दिल्ली ट्रेडर कांग्रेस के चेयरमैन अजय अरोड़ा का |

अजय अरोड़ा कहते हैं दिल्ली राजधानी दिल्ली की हवा दिनों जहर बन चुकी है | इतना ही नहीं जहरीली हवाएं लोगो के स्वास्थ्य पर लगातर भारी पड़ रही है आलम यह है की लोग वायरल सहित कई बीमारियों के शिकंजे में आ रहे है जिसके चलते बच्चे और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है | निजी चिकित्सालयों के साथ-साथ सरकारी डिस्पेंसरियों तथा अस्पतालों में जहरीली हवाओं से पीड़ित लोगो की संख्या लगातार बढ़ रही है |

अजय अरोड़ा कहते हैं रेखा गुप्ता कोई स्थायी समाधान खोजने के बजाय केवल झूठे प्रचार में लगी है और झूटे आंकड़े पेश किये जा रहे हैं ,कृत्रिम बरसात के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद कहा गया अनेक इलाकों में प्रदूष्ण की मार में कमी आई है लेकिन सरकार की ही आंकड़े खुद उनकी झूठ की पोल खोल रहे हैं ना तो प्रदूष्ण पर नियन्त्रण हो पा रहा है और ना ही लोगो की समस्याओं का समाधान हो पा रहा है |

अजय अरोड़ा कहते हैं दिल्ली में अक्टूबर का महीना इस बार राहत से ज्यादा परेशानियां लेकर आया. राजधानी की हवा न सिर्फ लगातार खराब रही बल्कि इस बार के आंकड़ों ने कई पुराने रिकॉर्ड भी तोड़ दिए. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ( के मुताबिक, अक्टूबर 2025 पिछले पांच साल में दूसरा सबसे प्रदूषित महीना रहा है. वहीं ठंड के मामले में भी इस बार के आंकड़े खास रहे हैं |

ताजा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 224 रहा, जो खराब श्रेणी में आता है. ये साल 2024 के अक्टूबर की तुलना में तो थोड़ा बेहतर है, लेकिन कुल मिलाकर संतोषजनक नहीं है | इस अक्टूबर में बारिश औसतन अधिक हुई, जिसके चलते प्रदूषण स्तर कुछ हद तक नियंत्रित रहा. अगर यह बारिश नहीं होती, तो एक्यूआई के आंकड़े और भी ज्यादा खराब हो सकते थे. बारिश ने न केवल प्रदूषण को कम किया, बल्कि मौसम को भी सामान्य से ठंडा बना दिया.

हवा की क्वालिटी मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स इस्तेमाल किया जाता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स एक ईकाई है, जिसके आधार पर ये पता चलता है कि उस जगह की हवा सांस लेने लायक है या नहीं | एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के छह मानक होते हैं, जो ये बताते हैं कि शहर की हवा सांस लेने योग्‍य है या नहीं. ये छह मानक हैं- अच्छी, संतोषजनक,सामान्‍य, खराब, बहुत खराब और गंभीर जैसी कैटेगरी शामिल हैं. 0-50 के बीच ‘अच्‍छी’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है |

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