दमघोटू बनी हुई है दिल्ली की हवा सांस लेना भी हुआ दूभर, मन ही नहीं करता दिल्ली लौटने को : देवेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली ( हर्ष भारद्वाज ) : दिल्ली की हवा जहर उगल रही है ,दिल्ली में तो सांस लेना भी दूभर हो चुका है हम तो दीपावली के बाद से ही दिल्ली छोडकर ऋषिकेश आ गए थे और ऋषिकेश से भी आगे साफ़ हवा में सांस ले रहे है | यह कहना है शाहदरा दिल्ली के सुप्रसिद्ध समाजसेवी देवेन्द्र शर्मा का | देवेन्द्र शर्मा नें बतया वे बद्रीनाथ जी के दर्शन करने आये हुए है जहां प्रदूष्ण नाम की चिड़िया भी नहीं है खुले आसमान के नीचे साफ़ हवा का आनन्द यहाँ लोग ले रहे है | वे कहते हैं दिल्ली के प्रदूष्ण की खबरे वे नेट पर या न्यूज़ से ले लेते हैं जिन्हें सुनकर उन्हें सर्दी में भी पसीने आ जाते है | श्री शर्मा कहते हैं दिल्ली में जरूरी काम पड़ने के बावजूद भी उनका दिल्ली लौटने का अभी कोई ईरादा नहीं है | वे कहते हैं जब तक प्रदूष्ण कम नहीं होगा उनका दिल्ली लौटने का मन नहीं है |

देवेन्द्र शर्मा कहते हैं ऋषिकेश से होकर बड़ी संख्या में वाहन चारधाम यात्रा के लिए जाते हैं। यहां पर हवा खराब होने का कारण धूल तो है पर इसके साथ ही वाहनों का धुआं भी है। बावजूद इसके हालात दिल्ली से बहुत बेहतर है और यदि घरों के भीतर की बात करें तो प्रदूषण नाम की कोई चीज नहीं है | श्री शर्मा कहते हैं बद्रीनाथ धाम में तो स्वर्ग जैसा माहौल है तापमान भी माइनस में चल रहा है और प्रदूषण तो नाम को भी नहीं है | देवेन्द्र शर्मा कहते हैं मौसम विभाग के आंकड़ो के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली को जहरीले प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। हर साल की तरह इस बार भी सर्दियों के मौसम में दिल्ली की हवा दमघोंटू बनी हुई है। एक्युआइ लगातार 400 पार बना हुआ है। कहीं कहीं तक 450 तक दर्ज हो रहा है , सबसे ज्यादा बुरा हाल दिल्ली के रोहिणी, जहांगीरपुरी, विवेक विहार, वजीरपुर जैसे इलाकों का रहा, जहां एक्युआइ450 के करीब या उसके पार तक पहुंच गया।तमाम पाबंदियों के बावजूद हालात नहीं सुधर रहे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की एक मोटी परत छाई रही | दिल्ली के ज्यादातर इलाके इस वक्त रेड जोन में बने हुए हैं। यहां प्रदूषण से हालात काफी गंभीर हैं। दिल्ली ही नहीं एनसीआर के दूसरे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा। गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम जैसे इलाकों में भी सांसों पर संकट बना हुआ है। दिल्ली के अस्पतालों में प्रदूषण की चपेट में आये लोगो की भीड़ लगातार बढती जा रही है ऐसे में बुजुर्ग लोगो तथा बच्चों का दिल्ली में रहना किसी कहते से खाली नहीं है |



