Delhi pollution protest: दिल्ली में प्रदूषण पर बवाल, ‘जहरीली हवा’ के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन, कई प्रदर्शनकारी हिरासत में
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। नवंबर की शुरुआत से ही दिल्ली की हवा में ‘जहर’ का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। रविवार, 9 नवंबर को प्रदूषण के खिलाफ आम नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इंडिया गेट पर आयोजित इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के नेताओं सहित कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं और ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इंडिया गेट को प्रदर्शन स्थल घोषित नहीं किया गया है। राजधानी में प्रदर्शन केवल जंतर मंतर पर आयोजित किए जा सकते हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जंतर मंतर की ओर जाने की सलाह दी, लेकिन नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों को हिरासत में लिया गया।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 420 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। आनंद विहार, रोहिणी, द्वारका, आईटीओ और पंजाबी बाग जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक पाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण न केवल सांस और हृदय से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा सकता है, बल्कि आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
पर्यावरण विभाग ने हालात को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को लागू किया है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक, सड़कों पर पानी का छिड़काव, डीजल वाहनों की कड़ी जांच और स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों पर प्रतिबंध जैसे कदम उठाए गए हैं। हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक वाहनों का उत्सर्जन, पराली जलाने और औद्योगिक धुएं पर सख्त नियंत्रण नहीं होगा, तब तक दिल्ली की हवा में सुधार संभव नहीं है।
राजधानी में हर वर्ष सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर चरम पर पहुंच जाता है। इस बार भी हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोगों को मास्क पहनकर घरों से निकलना पड़ रहा है। चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति बुजुर्गों, बच्चों और श्वसन रोगियों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।



