लगातार जहरीली हो रही है दिल्ली ,लोग हुए परेशान : महेंद्र पाराशर
दिल्ली छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं लोग
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली लगातार जहरीली बनी हुई है | आलम यह है दिल्ली का प्रदूषण नियंत्रित नहीं हो पा रहा अस्पतालों में प्रदूष्ण से पीड़ित लोगो की भीड़ बढती जा रही है ,अनेक लोग प्रदूष्ण से परेशान हो दिल्ली से बाहर जा चुके हैं या जा रहे हैं लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर सकता | यह कहना है प्रसिद्ध समाजसेवी ब्राह्मण समाज संस्था यमुना विहार के अध्यक्ष महेंद्र सिंह पारासर का | श्री पारासर कहते हैं दिल्ली में प्रदूष्ण के इतने बुरे हालात उन्होंने कभी नहीं देखे अब तो सर्दी भी दस्तक दे चुकी है लगा नहीं आने वाले दिनों में भी दिल्ली के लोगो को प्रदूष्ण के कहर और हवा में मिले जहर से मुक्ति मिल पाएगी |
महेंद्र सिंह पारासर कहते हैं प्रदूष्ण वैसे तो सभी को परेशान कर रहा है लेकिन खासतौर से छोटे बच्चे और बुजुर्ग बेहद परेशानी झेल रहे हैं सांस के मरीज तो घरो में दुबकने को मजबूर हो चुके हैं | श्री पारासर कहते हैं दिवाली के अगले दिन से ही दिल्ली लगातार जहरीली बनी हुई है इस दौरान दिल्ली नें अपने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं | श्री पाराशर कहते हैं दिल्ली में बुधवार को भी हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। एक्यूआई 400 के पार पहुंचा, इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 लागू भी कर दिया गया है। आज भी दिल्ली में घना स्मॉग देखने को मिल रहा है। प्रदूषण की चादर से कई इलाके ढके हुए हैं। बुधवार की सुबह दिल्ली का औसत एक्यूआई 414 दर्ज किया गया, जिसे गंभीर श्रेणी में माना जाता है। इस दौरान सबसे अधिक एक्यूआई वजीरपुर में 451 और बवाना में 451 दर्ज किया गया। इसके अलावा नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम समेत एनसीआर के कई शहरों में भी हवा जहरीली बनी हुई है | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऐप के अनुसार आज सुबह 9 बजे दिल्ली के अधिकतर इलाकों का एक्यूआई 400 पार दर्ज किया गया है।
जिनमें अलीपुर, आईटीओ, आर के पुरम, पंजाबी बाग, आया नगर, नेहरू नगर, अशोक विहार, पटपड़गंज, सोनिया विहार, रोहिणी, विवेक विहार, नरेला आदि शामिल हैं। श्री पाराशर कहते हैं दिल्ली में पिछले कई दिनों से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई थी। लेकिन मंगलवार सुबह यह ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इस साल पहली बार दिल्ली का एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछली बार शहर की वायु गुणवत्ता दिसंबर 2024 में इतनी खराब हुई थी। बताया जा रहा है कि मौसम की स्थिर स्थिति और स्थानीय उत्सर्जन के कारण प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। एक्यूआई के गंभीर श्रेणी में जाना सांस या हृदय संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए काफी खतरनाक है। यह तंदुरुस्त व्यक्तियों को भी प्रभावित कर सकता है।
दिल्ली की हवा की गुणवत्ता ने हेल्थ एक्सपर्ट्स को परेशान कर दिया है.पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि देश में प्रदूषण कई वजहों से होता है. दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहर में गाड़ियों की भीड़ और निर्माण कार्यों निकलने वाली धूल की वजह से जोखिम और बढ़ जाता है.दिल्ली भारत में वायु प्रदूषण की आपात स्थिति का सबसे गंभीर उदाहरण है | महेंद्र पाराशर कहते हैं इस वक्त ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार झेल रही है। एक ओर जहां दिल्ली का पारा गिरता जा रहा है। सुबह और शाम के समय लोग ठंड से ठिठुरने लगे हैं। इसके साथ ही जहरीली हवा ने लोगों का सांस लेना दुभर किया हुआ है। दिल्ली के ज्यादार इलाके इस वक्त रेड जोन में हैं।



