Delhi Crime : दिल्ली में टेलीग्राम निवेश धोखाधड़ी का भंडाफोड़, साइबर पुलिस ने उजागर किया बड़े बैंक अंदरूनी नेटवर्क
दिल्ली के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने टेलीग्राम आधारित निवेश धोखाधड़ी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और बैंकिंग अंदरूनी मिलीभगत के संकेत मिले हैं।
साइबर पुलिस स्टेशन, सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसे टेलीग्राम पर निवेश सलाहकार का झांसा देकर ₹4.80 लाख का नुकसान हुआ। शिकायतकर्ता ने बताया कि मार्च 2025 में उसे “मिस लालिथा” नाम की एक महिला ने टेलीग्राम के माध्यम से निवेश लिंक भेजा। शुरुआत में छोटे-छोटे रिटर्न दिखाकर उसका विश्वास हासिल किया गया। इसके बाद उसे बड़े पैमाने पर निवेश के लिए दबाव बनाया गया और कुल ₹4.80 लाख विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराए गए। इसके बाद आरोपी लापता हो गए।
शिकायत पर IPC की संबंधित धाराओं के तहत FIR No. 33/25 दर्ज की गई और जांच शुरू की गई।
टीम और कार्रवाई:
ACP (ऑपरेशन्स) सुलेखा जागरवार, IPS के मार्गदर्शन में SHO/साइबर पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर संदीप पंवार के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इसमें SI नवीन, HC संजीव, CT दीपक तोमर, CT नितिन और CT दीपक शामिल थे। तकनीकी और वित्तीय जांच में पता चला कि धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ राशि “AJ टेक्नोलॉजी” नाम के खाते में गई थी, जो फर्जी दस्तावेजों से खोला गया था।
जांच में यह भी पता चला कि AJ टेक्नोलॉजी के कथित मालिक “अजय कुमार” असली में राहुल कुमार थे। राहुल ने स्वीकार किया कि वह फर्जी PAN और Aadhaar का उपयोग कर बैंक खाते संचालित करता था और धोखाधड़ी करने वालों को खाते उपलब्ध कराता था। वित्तीय विश्लेषण में पता चला कि सिर्फ दो महीने में इस खाते के माध्यम से लगभग ₹2.5 करोड़ के लेन-देन हुए थे।
इसके अलावा, अजय शर्मा, सोनू कुमार और कुणाल सागर को भी गिरफ्तार किया गया। कुणाल ने कम से कम 23 म्यूले बैंक खाते खोलने और संचालन में मदद की। अब तक जांच में 250+ म्यूले बैंक खाते और 50+ फर्जी कंपनियां सामने आई हैं।
बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत:
जांच में पता चला कि कुछ बैंक कर्मचारी जानबूझकर RBI और KYC नियमों की अनदेखी करके फर्जी खाते खोलने और संचालन में शामिल थे। उन्होंने लेन-देन में कमीशन लिया और शिकायतों की जानकारी धोखाधड़ी करने वालों को दी। मामले में मोहित दधीच (Karnataka Bank, RK पुरम) को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य अधिकारी अभिषेक अभी फरार हैं।
गिरफ्तार आरोपी और उनके रोल:
- राहुल कुमार @ अजय कुमार (32) – AJ टेक्नोलॉजी का ऑपरेटर, फर्जी दस्तावेजों के साथ बैंक खाते उपलब्ध कराता था।
- अजय शर्मा (32) – साइबर कैफे संचालक, फर्जी KYC और ID बनाना।
- सोनू कुमार (36) – GST फाइलिंग, स्केटिंग ट्रेनर।
- कुणाल सागर (28) – फर्जी KYC तैयार करना, म्यूले खाते खोलना, लेन-देन संचालन।
- मोहित दधीच (27) – बैंक अधिकारी, फर्जी खाता खोलने और कमीशन लेने में शामिल।
बरामदगी:
• 14 सिम कार्ड
• 4 मोबाइल फोन
• 2 लैपटॉप
• 17 फर्जी कंपनियों के स्टाम्प/सील
• कई चेक बुक और 11 डेबिट कार्ड
• फर्जी PAN और Aadhaar
• डिजिटल साक्ष्य – Telegram चैट, बैंक स्टेटमेंट, ट्रांजेक्शन रिसीट
• रैकेट में दस्तावेज तैयार करने वाले, म्यूले खाता संचालक और बैंक कर्मचारी शामिल थे।
• KYC बाईपास कर धन का लेन-देन किया गया।
• रकम कई खातों में भेजकर ट्रेसिंग रोकी गई।
आगे की कार्रवाई:
• फरार बैंक अधिकारी अभिषेक की तलाश जारी।
• फंड ट्रेसिंग, खाता फ्रीजिंग और रिकवरी कार्य चल रहे हैं।
• RBI और बैंक HQ को रिपोर्ट भेजी गई।
टेलीग्राम या WhatsApp समूहों के उच्च रिटर्न वाले निवेश लिंक पर भरोसा न करें। संदिग्ध गतिविधि तुरंत cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या 1930 (साइबर हेल्पलाइन) पर संपर्क करें।
NIDHIN VALSAN, IPS
Dy. Commissioner of Police, Central District, New Delhi



