Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट जांच में बड़ा मोड़, ATS ने लखनऊ से 2 और संदिग्ध उठाए, डॉक्टर भाई-बहन समेत अब तक 5 गिरफ्तार
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच लगातार नए और चौंकाने वाले खुलासे कर रही है। धमाके के पीछे छिपे नेटवर्क को पकड़ने के लिए देश की सुरक्षा एजेंसियां कई शहरों में एक साथ कार्रवाई कर रही हैं। इसी सिलसिले में रविवार को यूपी ATS ने लखनऊ के पारा क्षेत्र के कुंदन विहार कॉलोनी से दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया। यह कार्रवाई तीन दिन की लगातार गुप्त निगरानी और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखने के बाद की गई।
सूत्रों के मुताबिक दोनों युवकों की गतिविधियों में संदिग्ध पैटर्न मिलने और दिल्ली ब्लास्ट से संभावित लिंक सामने आने के बाद ATS की टीम ने रणनीतिक तरीके से ऑपरेशन चलाया। रविवार शाम ATS की स्कॉर्पियो पुलिस टीम कुंदन विहार में पहुंची और दोनों को तुरंत हिरासत में लेकर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया, जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
ATS ने इससे पहले मड़ियांव, कैसरबाग और पुराने लखनऊ के कई इलाकों में भी तलाशी अभियान चलाया था। सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि यह नेटवर्क केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और संभवतः दूसरे राज्यों से भी जुड़े तार सामने आ सकते हैं। जांच अधिकारियों के अनुसार, इस केस का दायरा बड़ा होता जा रहा है और साजिश के पीछे एक अच्छी तरह संगठित मॉड्यूल होने की आशंका गहरी हो गई है।
कुछ दिन पहले ATS ने लखनऊ के मड़ियांव क्षेत्र से डॉक्टर भाई-बहन—डॉ. शाहीन सईद और डॉ. परवेज—को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में दोनों ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं, जिनकी मदद से एजेंसियां अब पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हैं। डॉक्टरों सहित अब तक कुल पांच लोग अरेस्ट किए जा चुके हैं, और उनके मोबाइल डेटा, कॉल रिकॉर्ड, डिजिटल चैट और बैंकिंग लेनदेन की फॉरेंसिक जांच जारी है।
जांच एजेंसियों को शक है कि ब्लास्ट की फंडिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट और एक्सप्लोसिव मैटेरियल की सप्लाई में कई शहरी मॉड्यूल सक्रिय थे, जिनके बीच समन्वय बनाए रखने के लिए एन्क्रिप्टेड माध्यमों का इस्तेमाल किया गया। ATS के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अब तक की पूछताछ और तकनीकी जांच से बड़े नेटवर्क की ओर संकेत मिले हैं, और आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
दिल्ली ब्लास्ट को अंजाम देने वाले असल मास्टरमाइंड की तलाश में एजेंसियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। जांच की दिशा और दायरा दोनों तेजी से विस्तृत हो रहे हैं, जिससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में यह केस बड़े खुलासों के साथ सुर्खियों में रह सकता है।



