Delhi Ashram Case: दिल्ली आश्रम कांड, पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया स्वामी चैतन्यानंद

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Delhi Ashram Case: दिल्ली आश्रम कांड, पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया स्वामी चैतन्यानंद

दिल्ली में छात्राओं से यौन शोषण और छेड़छाड़ के गंभीर आरोपों में फंसे स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी को आखिरकार दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। स्वामी को 27 सितंबर की रात उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजगंज के एक होटल से दबोचा गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे तुरंत मेडिकल जांच के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लेकर आई और फिर पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। अदालत ने आरोपी को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चैतन्यानंद पिछले 50 दिनों से फरार था। उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में ट्रेस की गई थी। पुलिस की कई टीमें लगातार उसकी तलाश में जुटी थीं। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन और दो फर्जी विजिटिंग कार्ड बरामद किए। एक कार्ड में उसे संयुक्त राष्ट्र का स्थायी राजदूत और दूसरे में ब्रिक्स संयुक्त आयोग का सदस्य और भारत का विशेष दूत बताया गया था। इसके अलावा पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपी ने प्रधानमंत्री कार्यालय का भी फर्जी पहचान पत्र बनवा रखा था।

आगरा के जिस होटल से आरोपी को पकड़ा गया, वहां के रिसेप्शनिस्ट भरत ने बताया कि स्वामी शनिवार शाम करीब 4 बजे होटल पहुंचे थे। रात करीब साढ़े तीन बजे दिल्ली क्राइम ब्रांच के दो पुलिसकर्मी होटल में पहुंचे। वे सीधे उसके कमरे में गए, 10 मिनट तक उससे बातचीत की और फिर उसे अपने साथ ले गए। होटल स्टाफ ने बताया कि चैतन्यानंद ने खुद को पार्थ सारथी के नाम से रजिस्टर कराया था।

दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को अपना शिकार बनाता था। वह उन्हें अश्लील मैसेज भेजता, देर रात कमरे में बुलाता और कम ग्रेड देने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता था। आरोपी छात्राओं को विदेश यात्रा और आलीशान जिंदगी का लालच भी देता था। पुलिस द्वारा बरामद व्हाट्सएप चैट्स में उसने छात्राओं को “बेबी”, “आई लव यू”, “आई अडोर यू” जैसे मैसेज भेजे थे। वह उनके बालों और कपड़ों की तारीफ भी करता था।

जांच में यह भी सामने आया कि तीन महिला वार्डन और कुछ फैकल्टी मेंबर आरोपी की मदद कर रहे थे। वे छात्राओं पर दबाव बनाकर चैट्स डिलीट करवाते और उन्हें चुप रहने के लिए कहते थे। आरोपी ने खास तौर पर ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे से पढ़ रही छात्राओं को निशाना बनाया क्योंकि वे स्कॉलरशिप पर थीं और विरोध करने में असमर्थ थीं।

अब तक पुलिस ने 32 छात्राओं से पूछताछ की है, जिनमें से 17 ने सीधा यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस अब आरोपी को उन जगहों पर ले जाकर जांच करेगी, जहां वह छात्राओं को ले जाया करता था। पुलिस के मुताबिक, उसके 18 बैंक खातों में आठ करोड़ रुपये जमा मिले हैं।

यह मामला सिर्फ छात्राओं के उत्पीड़न का नहीं, बल्कि शिक्षा जगत में मौजूद ताकत और प्रभाव के दुरुपयोग का भी उदाहरण बन गया है। अदालत और पुलिस की कार्रवाई से अब यह देखना होगा कि आरोपी और उसके सहयोगियों को किस हद तक कानून के शिकंजे में लाया जाता है।

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