CP Radhakrishnan Vice President: सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, असाधारण रहा राजनीतिक सफर

0
24

CP Radhakrishnan Vice President: सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, असाधारण रहा राजनीतिक सफर

नई दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित एक गरिमामय समारोह में सीपी राधाकृष्णन ने देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 67 वर्षीय राधाकृष्णन ने हाल ही में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराया था। यह चुनाव 9 सितंबर को कराया गया था, क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल अभी दो वर्ष शेष था।

उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। शपथ ग्रहण से एक दिन पहले ही उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

राधाकृष्णन का राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन काफी लंबा और उल्लेखनीय रहा है। उनका सफर छात्र आंदोलनों से शुरू होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव और फिर भाजपा संगठन में सक्रिय भूमिका तक फैला। तमिलनाडु के कोयंबटूर से आने वाले राधाकृष्णन 1998 और 1999 में दो बार लोकसभा सांसद चुने गए। हालांकि 2004, 2014 और 2019 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। सांसद रहते उन्होंने कपड़ा मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता की और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए गठित विशेष समिति में भी योगदान दिया।

भाजपा संगठन में वह एक मजबूत स्तंभ माने जाते हैं। 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा निकाली। इसका उद्देश्य देश की नदियों को जोड़ना, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करना, अस्पृश्यता निवारण और नशाखोरी से लड़ना था। इसके अलावा, 2020 से 2022 तक उन्होंने केरल भाजपा प्रभारी के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सार्वजनिक जीवन में राधाकृष्णन की भूमिका केवल राजनीति तक सीमित नहीं रही। उन्होंने 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया और भारत के पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में ताइवान का दौरा किया। 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां उनके नेतृत्व में भारत से नारियल रेशे का निर्यात कई गुना बढ़ा।

उनकी राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनका सरल स्वभाव और संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें निरंतर आगे बढ़ाया। उन्हें उनके समर्थक तमिलनाडु का “मोदी” भी कहते हैं। राधाकृष्णन ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार (गाउंडर) से आते हैं। उनकी पत्नी का नाम सुमति है और उनके एक बेटा और एक बेटी हैं।

आज जब उन्होंने देश के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, तो यह न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष और समर्पण का परिणाम है बल्कि दक्षिण भारत में भाजपा के विस्तार और राष्ट्रीय राजनीति में उनके योगदान की भी मान्यता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here