कांग्रेस संगठन को धार देने में जुटी ,जल्द होंगे ब्लाक तथा जिला अध्यक्ष घोषित
रेस के घोड़े तलाशने में जुटे हाईकमान के दूत
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आदेश पर देश भर में संगठन सृजन अभियान के तहत कांग्रेस जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के इरादे से जुटी है दिल्ली भी इससे अछूती नहीं है | कांग्रेस नें देशभर में ए.आई.सी.सी.की तरफ से पर्यवेक्षक नियुक्त किये हैं जो जिला अध्यक्षों तथा ब्लाक अध्यक्षों की कार्यशैली का अध्ययन करने में जुटे है | प्रदेश नेत्रत्व की तरफ से भी हर जिले में तीन -तीन पर्यवेक्षक लगाये गए हैं जो ब्लाक स्तर पर निगरानी रखे हुए हैं | ये पर्यवेक्षक ब्लाक स्तर की रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व तो जिला अध्यक्ष स्तर की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे | बताया जा रहा है दिल्ली के पर्यवेक्षक भी पिछले काफी समय से इस काम में जुटे हैं और उनकी रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है | सूत्रों की मानें तो दिल्ली के आधे से ज्यादा जिला अध्यक्ष और ब्लाक अध्यक्षों की छुट्टी होनी लगभग तय है | कुछ नाकारा ब्लाक अध्यक्ष जो संगठन की गतिविधियों में भाग नहीं ले रहे या जिनकी जिला अध्यक्षों से पटरी नहीं बैठती टार्गेट पर है जिनके बदले जाने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता तो कुछ जिला अध्यक्ष भी इसी श्रेणी में गिने जा रहे हैं |
खबर तो यहाँ तक भी है जिला अध्यक्ष के लिए एक आयु सीमा भी निधारित की गई है जिस पर कडाई से अमल किये जाने की चर्चा है | दरअसल राहुल गांधी नें मध्यप्रदेश में पार्टी की एक मीटिंग में घोड़ो की तीन श्रेणी बताई थी रेस के घोड़े,बारात के घोड़े और लंगड़े घोड़े | रेस के घोड़े मतलब किर्याशील कार्यकर्ता बारात के घोड़े मतलब धीमी गति से काम करने वाले और लंगड़े घोड़े मतलब जो अब काम के नहीं रहे || मतलब समझ गए ना आप अब कांग्रेस को रेस के घोड़ो की जरूरत है जो भाजपा से मुकाबला कर सके बारात के घोड़े और लंगड़े घोड़ो की जरूरत नहीं है | सूत्रों की माने तो कांग्रेस पर्यवेक्षक राहुल गाँधी के फार्मूले पर ही काम कर रहे हैं यानी रेस के घोड़ों की तलाश में जुटे हैं हालांकि कुछ जिला अधक्ष बारात के घोड़ो और लंगड़े घोड़ो पर ही दावं खेलने के मूड में है और उन्हें ब्लाक अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं लेकिन पर्यवेक्षक शायद ही उन्हें इसकी मंजूरी दे क्योंकि राहुल गांधी के प्रति जवाबदेही उनकी ही बनेगी और ऐसे में वे कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहेगें |
कौन कौन हैं वे जिला अध्यक्ष जो लंगड़े घोड़ों पर दावं खेलना चाहते हैं उनकी चर्चा बाद में करेगें आज तो इतना ही बताना है मन्द्ल्म और सेक्टर स्तर पर यदि देवेन्द्र यादव की बात माने तो सन्गठन तैयार हो चुका है जबकि ब्लाक और जिला स्तर के लिए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट की इन्तजार है जिसे जल्द पूरा करने को कहा गया है | रिपोर्ट मिलने के बाद उनमे से रेस की घोड़ो की सूचि तैयार कर घोषित किये जाने की सम्भावना है | आज बस इतना ही
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