Chittorgarh Suicide Attempt: स्विट्जरलैंड में कस्टडी विवाद ने ली भयावह करवट, पिता के लिए लड़ते-लड़ते चित्तौड़गढ़ के 22 वर्षीय युवक ने की आत्महत्या की कोशिश

0
15

Chittorgarh Suicide Attempt: स्विट्जरलैंड में कस्टडी विवाद ने ली भयावह करवट, पिता के लिए लड़ते-लड़ते चित्तौड़गढ़ के 22 वर्षीय युवक ने की आत्महत्या की कोशिश

चित्तौड़गढ़: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ थाना क्षेत्र में बुधवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां 22 वर्षीय युवक विष्णु मेनारिया ने घरेलू तनाव, लगातार दर्ज हो रहे कथित झूठे मुकदमों और मानसिक दबाव से तंग आकर जहर पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। घटना रात करीब 8 बजे की बताई जा रही है, जब विष्णु घर पर अकेला था। मौका पाकर उसने जहरीला पदार्थ निगल लिया। कुछ देर बाद घर पहुंचे छोटे भाई ने उसे तड़पते हुए देखा और तुरंत परिजनों की मदद से चित्तौड़गढ़ अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे उदयपुर के एमबी अस्पताल रेफर कर दिया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और ICU में इलाज जारी है।

स्विट्जरलैंड कस्टडी केस से जुड़ी है घटना की असल वजह

विष्णु ने पुलिस और मीडिया को दिए बयान में बताया कि उसके पिता मुकेश मेनारिया पिछले सात वर्षों से स्विट्जरलैंड में एक एनआरआई बिजनेसमैन के यहां कुक का काम कर रहे थे। आरोप है कि बिजनेसमैन ने उन्हें जबरन रोककर रखा और भारत नहीं लौटने दिया। विष्णु का दावा है कि सरकार और इंटरपोल की मदद से नवंबर 2024 में पिता को बड़ी मुश्किल से भारत वापस लाया गया, लेकिन मात्र 3 महीने बाद स्विट्जरलैंड सरकार ने उन्हें फिर से बुला लिया और वर्तमान में वे वहीं की सरकार की कस्टडी में हैं, जबकि संबंधित बिजनेसमैन के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी है।

विष्णु ने बताया कि पिता की वापसी के बाद उन्होंने बिजनेसमैन पर किडनैपिंग का केस दर्ज कराया था। इसके कथित बदले में उस बिजनेसमैन ने लगातार उनके परिवार को परेशान किया और विष्णु पर एक के बाद एक फर्जी मुकदमे दर्ज कराए। आरोपों में रेप केस, प्रॉपर्टी फ्रॉड और चेक बाउंस के केस शामिल हैं। विष्णु का कहना है कि बिजनेसमैन ने पिता की रिहाई के बदले 1.5 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसके लिए परिवार ने 75-75 लाख रुपये के दो चेक दिए, लेकिन चेक बाउंस होने पर उन पर मुकदमा कर दिया गया।

सुसाइड नोट में लिखा दर्द

जहर पीने से पहले विष्णु ने एक विस्तृत सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने कहा:
“लगता है जिंदगी में अब कुछ नहीं बचा है। 22 साल की उम्र में जिंदा लाश बन चुका हूं। लगातार झूठे केस, बदनामी, धमकियां, पुलिस का घर आना और दिल्ली की अदालतों में रोजाना चक्कर लगाना… अब बर्दाश्त से बाहर हो गया है। मैंने कोई गुनाह नहीं किया। मुझे माफ करना, अब और नहीं जी सकता।”

इस नोट के सामने आने के बाद पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच में जुट गई है। परिजनों का कहना है कि जब तक पिता सुरक्षित वापस नहीं आते और झूठे मुकदमे वापस नहीं होते, तब तक परिवार को न्याय नहीं मिलेगा।

परिजनों की मांग और प्रशासन सतर्क

विष्णु की मां और भाई ने सरकार से अपील की है कि मुकेश मेनारिया की सुरक्षित भारत वापसी के लिए तुरंत हस्तक्षेप किया जाए और आरोपी बिजनेसमैन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो। जिले के पुलिस अधिकारी मामले की गहन जांच और कानूनी दस्तावेजों की सत्यता की पड़ताल कर रहे हैं।

वर्तमान में क्षेत्र में इस घटना को लेकर गहरा दुख और आक्रोश दोनों देखा जा रहा है। लोग मानसिक तनाव और कानूनी उत्पीड़न के मुद्दे पर सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here