Char Dham Yatra 2025: चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, अब तक 19 लाख से अधिक ने कराया रजिस्ट्रेशन

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Char Dham Yatra 2025: चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, अब तक 19 लाख से अधिक ने कराया रजिस्ट्रेशन

उत्तराखंड में श्रद्धा, आस्था और अध्यात्म का प्रतीक मानी जाने वाली चारधाम यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल से आरंभ होने जा रही है। यात्रा के शुभारंभ से पहले ही देशभर से श्रद्धालुओं में गहरा उत्साह देखा जा रहा है। राज्य सरकार के पोर्टल पर अब तक 19 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कर यात्रा में भागीदारी सुनिश्चित की है।

चारधाम यात्रा के अंतर्गत आने वाले प्रमुख तीर्थ स्थलों में से केदारनाथ धाम के प्रति इस बार लोगों की विशेष श्रद्धा देखने को मिल रही है। अभी तक अकेले केदारनाथ के लिए लगभग 6 लाख 48 हजार श्रद्धालु अपना पंजीकरण कर चुके हैं। वहीं, बदरीनाथ धाम के लिए 5 लाख 74 हजार से अधिक यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जो इस धाम की लोकप्रियता और धार्मिक महत्ता को दर्शाता है।

इसके अतिरिक्त, यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे पवित्र धामों के लिए भी भारी संख्या में श्रद्धालु पंजीकृत हो चुके हैं। दोनों ही स्थलों के लिए अब तक 3-3 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जो यह संकेत देते हैं कि इस बार की चारधाम यात्रा में बड़ी भीड़ उमड़ने वाली है।

इतना ही नहीं, सिख श्रद्धालुओं के लिए पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर भी उत्साह कम नहीं है। अब तक 32 हजार से अधिक यात्रियों ने इस मार्ग के लिए भी रजिस्ट्रेशन कराया है, जो दर्शाता है कि न सिर्फ हिंदू श्रद्धालु, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं।

चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार विशेष सतर्कता बरत रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं यात्रा की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बीते दिनों देहरादून में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है और यह राज्य के लिए सम्मान और जिम्मेदारी दोनों का विषय है।

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं को किसी भी स्तर पर असुविधा नहीं होनी चाहिए। यात्रा मार्गों की मरम्मत, चिकित्सा सुविधा, आपातकालीन सेवाएं, ट्रैफिक मैनेजमेंट और विश्राम स्थलों जैसी व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि सभी श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वे यात्रा से पूर्व अनिवार्य रजिस्ट्रेशन कराएं और शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि यात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके।

हर वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी इससे बड़ा बल मिलता है। इस वर्ष के आंकड़े यह संकेत दे रहे हैं कि यात्रा अपने चरम पर होगी और राज्य प्रशासन इसके लिए पूरी तरह तैयार है।

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