Chamoli cloudburst: चमोली में बादल फटने से मची तबाही, घरों में घुसा मलबा, दो लोग लापता
उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति ने अपना कहर बरपाया है। चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शुक्रवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। देर रात 1 से 2 बजे के बीच टुनरी गधेरे में अचानक बादल फटने की घटना हुई, जिसने आसपास के गाँवों और बस्तियों को अपनी चपेट में ले लिया। इस प्राकृतिक आपदा ने स्थानीय लोगों को भय और दहशत से भर दिया है।
घटना के तुरंत बाद चेपडो और राड़ीबगड़ गाँवों में हालात बेहद गंभीर हो गए। कई घरों में मलबा घुस गया और वाहनों को भी भारी नुकसान पहुँचा। कई वाहन मलबे में दब गए, जिससे लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा। सगवाड़ा गाँव से एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है, जबकि 20 वर्षीय एक युवती मलबे में दब गई है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते ऑपरेशन में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मूसलाधार बारिश के कारण हालात पहले से ही बिगड़ चुके थे और बादल फटने के बाद स्थिति और अधिक भयावह हो गई। रात में जब लोग सो रहे थे, तभी अचानक पानी और मलबा घरों में घुस आया। लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर बाहर निकले। कई लोगों की महत्वपूर्ण वस्तुएँ, अनाज और घरेलू सामान मलबे में दब गए हैं।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें घटनास्थल पर पहुँच गई हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है। वहीं, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे राहत सामग्री पहुँचाने में बाधा आ रही है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाएँ उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन का बड़ा संकेत हैं। पर्वतीय इलाकों में बादल फटने की घटनाएँ हर साल देखने को मिल रही हैं, जिनसे बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हो रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि उन्हें तुरंत राहत दी जाए और लापता लोगों की तलाश में तेजी लाई जाए। साथ ही मलबे से प्रभावित परिवारों को पुनर्वास और मुआवजा देने की भी मांग की गई है।



