
कैग की रिपोर्टें लगातार खोल रही है आप पार्टी सरकार की पोल : विनोद जायस
* आज़ादी के बाद सबसे ज्यादा घोटाले हुए आप सरकार के समय
नई दिल्ली (सी.पी.एन.न्यूज़ ) : कैग की रिपोर्टें लगातार आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की पोल लगातार खोलती जा रही है | इससे साबित होता है अपने दस साल के शासन में इस सरकार नें घोटालों के अलावा कुछ किया ही नहीं | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी उत्तर पूर्वी जिले के उपाध्यक्ष ठाकुर विनोद जायस का |
विनोद जायस कहते हैं आबकारी घोटाले नें तो घोटालों के तमाम रिकार्ड तोड़ दिए हैं आबकारी नीति की बुनियाद ही घोटालों पर रखी गई थी और यही वजह है कि यह नीति ही तथा कथित कट्टर ईमानदार सरकार की विदाई की वजहबनी | इसी नीति की वजह से सरकार के मुखिया अरविन्द केजरीवाल,उप मुखिया मनीष सिसोदिया सहित कई मंत्रियों और सांसद को जेल तक जाना पड़ा और अभी भी मामले की जांच चल रही है जिसमे और कई बड़े चेहरे भी नपेगें | विनोद जायस कहते हैं इतिहास बताता है जितने घोटाले इस सरकार के समय हुए इतने आज़ादी के बाद किसी भी राज्य में नहीं हुए |
विनोद जायस कहते हैं आम आदमी पार्टी की सरकार नें आबकारी नीति के नाम पर बड़ा घोटाला किया ,अनेक अनियमिताएं बरती गई जिनका खुलासा कैग की रिपोर्ट में किया गया है | इतना ही नहीं इस नीति की आड़ में लाखों लोगो के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर तत्कालीन आप सरकार नें घोर पाप किया है | दिल्ली की जनता नें आप पार्टी को सरकार से हटा सजा दे दी है अब कोर्ट भी इन्हें जेल भेज दंड देगी तभी दिल्ली की जनता को इन्साफ मिलेगा | विनोद
जायस कहते हैं यही हाल स्वास्थ्य सिस्टम का रहा ,जिसकी कैग रिपोर्ट में भी खुलासे हुए हैं की आप पार्टी सरकार नें कितनी अनियमिताएं बरत लोगो की जान के साथ खिलवाड़ की है |
विनोद जायस कहते हैं कि शराब घोटाले तथा स्वास्थ्य विभाग पर सीएजी रिपोर्ट उजागर होने पर साफ हो गया है कि अरविन्द केजरीवाल की गलत तरीके से आबकारी नीति को लागू करने के कारण करोड़ों रूपये का राजस्व नुकसान हुआ, जिसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री, आबकारी मंत्री पूरी तरह जिम्मेदार हैं। और तरह स्वास्थ्य विभाग की भी अनेक खामियां कैग रिपोर्ट में उजागर हुई हैं |
विनोद जायस नें कहा ने कहा कि रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ है कि एक के साथ एक बोतल फ्री देकर तत्कालीन सरकार ने दिल्लीवालों के सेहत के साथ भी खिलवाड़ किया था और शराब की गुणवत्ता पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया गया। रिपोर्ट में सामने आया है कि टेस्ट रिपोर्ट बीआईएस मापदंडों के अनुरुप नही थे, कमियों के बावजूद सरकार ने लाईसेंस जारी किए और कई बै्रंडस ने पानी की गुणवत्ता, हानिकारक तत्व, भारी धातु, मिथाईल अल्कोहल और माईक्रोबायोलॉजिकल परीक्षण रिपोर्ट को पेश नही किया गया। लाइसेंस धारकों ने जो रिपोर्ट पेश की उन्हें एनएबीएल मंजूरी प्राप्त लैब से नहीं तैयार किया था, जो फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक्ट के तहत आवश्यक है।
विनोद जायस कहते हैं इसी तरह कहीं आई.सी.यू की व्यवस्था नहीं थी तो कहीं एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं थी ,कहीं डॉक्टरों की कमी थी तो कहीं कर्मचारियों की | रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की कमी एक बड़ा मुद्दा है। कोविड के दौरान लोग दर-दर भटकते हुए देखे गए थे। सरकार ने 32,000 नए अस्पताल बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 1,357 बेड ही बढ़ाए गए। कई अस्पतालों में 101 फीसदी से 189 फीसदी तक की ओवर ऑक्यूपेंसी देखी गई, जिससे मरीजों को फर्श पर लेटने के लिए मजबूर होना पड़ा ।


