उपचुनाव परिणामों नें रखी सभी पार्टियों की लाज ,भाजपा का घाटा कांग्रेस को फायदा ,आप जस की जस

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उपचुनाव परिणामों नें रखी सभी पार्टियों की लाज ,भाजपा का घाटा कांग्रेस को फायदा ,आप जस की जस

उपचुनाव परिणामों नें रखी सभी पार्टियों की लाज ,भाजपा का घाटा कांग्रेस को फायदा ,आप जस की जस

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,दिल्ली नगर निगम उपचुनाव परिणामों में जहां कांग्रेस का खाता खुला है वहीं आम आदमी पार्टी की हालत जस की तस रही है यानी ना फायदा और ना ही नुकसान, उनकी खाली भी तीन हुई थी और उन्हें मिली भी तीन, इतना जरुर है जो खाली हुई थी चांदनी चौक और चांदनी महल वे हाथ से खिसक गई जबकि मुंडका तथा नारायणा सीट भाजपा से छीनने में कामयाब रही | वहीं भाजपा भी चांदनी चौक सीट आम आदमी पार्टी से झटकने में सफल रही |

इस तरह यदि ईमानदारी से आंकलन किया जाए तो कुल मिलाकर इन चुनावों में भाजपा घाटे में रही जहां उसे सीधे सीधे दो वार्डों का नुकसान हुआ तो दो वार्ड मुंडका तथा नारायणा आम आदमी पार्टी के हाथों गवांने पड़े वहीं संगम विहार वार्ड में कांग्रेस नें उनसे वार्ड झपट अपना खाता उपचुनाव में खोल कांग्रेसी खेमे में लम्बे समय से व्याप्त ख़ामोशी को शांत किया, और उम्मीद की एक किरण कार्यकर्ताओं के बीच पैदा की |

ये तो था आंकड़ो का ब्योरा अब बात जमीन की कर लेते हैं यदि पिछले आंकड़ों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों के मत प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है जिसे देख कांग्रेस का मानना है भले ही कम लेकिन उनके मत प्रतिशत में ना केवल सुधार हुआ है बल्कि एक वार्ड पर जीत भी मिली है | जहां तक सत्ताधारी दल भाजपा का सवाल है भाजपा नें कम से कम 11 वार्ड पर जीत का लक्षय रखा था लेकिन वह उस लक्षय को प्राप्त नहीं कर सकी अलबत्ता अपने पिछले जीते हुए स्कोर तक भी नहीं पहुंच पाई |

हालांकि इसे रेखा गुप्ता सरकार के विरोध में जनादेश मानना कतई वाजिब नहीं होगा लेकिन कहीं ना कहीं भाजपा को इन परिणामों पर चिन्तन की जरूरत जरुर है क्योंकि यदि शालीमार बाग को छोड़ दें तो जीत का अन्तराल भी कई सीटों पर कम रहा है हालांकि इसे कम मतदान भी माना जा सकता है | वहीं आम आदमी पार्टी की बात की जाए तो पार्टी प्रत्याशी चयन में चूक कर गई यदि पार्टी नें इन चुनावों में स्थानीय नेत्रत्व की सलाह को तवज्जो दी होती तो पार्टी कम से कम तीन वार्ड और जीतती और आंकड़े एकदम विपरीत होते | आप पूछना चाहेगें कौन से तीन वार्ड तो वे किसी से छिपे नहीं हैं ,चांदनी महल,चांदनी चौक और विनोद नगर | हालांकि विनोद नगर में भाजपा के एक बहुत बड़े धड़े का समर्थन आप प्रत्याशी गीता रावत को मिल रहा था लेकिन गीता रावत के खिलाफ उनकी पार्टी में ही बगावत थी ,इसी तरह चांदनी चौक और चांदनी महल में आप पार्टी में दंगल मचा था |

यानी ये तीन वार्ड आप पार्टी की रणनीति और गुटबाजी की भेंट चढ़ गए और आप के पास वापसी का जो मौका था उसे पार्टी के रणनीतिकारों नें गवां दिया | बरहाल चुनावों परिणाम से जहां भाजपा में ख़ामोशी ,कांग्रेस में संतोष तो आप पार्टी में चिन्तन जारी है | हालांकि इन परिणामों का निगम की सियासत पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन आने वाले समय में दिल्ली की सियासत पर अच्छा खासा असर पड़ेगा इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | क्या असर पड़ेगा इसकी चर्चा फिर कभी आज बस इतना ही …

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