Uttarakhand Landslide: केदारनाथ यात्रा पर ब्रेक: रुद्रप्रयाग और यमुनोत्री में भूस्खलन और बादल फटने से 300 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे, SDRF-ITBP ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण एक बार फिर चारधाम यात्रा पर संकट खड़ा हो गया है। गुरुवार को रुद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग के पास मुनकटिया में भारी भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। यह भूस्खलन केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर हुआ, जहां भारी मलबा और चट्टानें सड़क पर आ गिरीं और रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए तत्काल यात्रा पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि भूस्खलन स्थल मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में है, जहां आए दिन जमीन खिसकने की घटनाएं होती हैं। इस खतरनाक स्थिति में भी कई श्रद्धालु गौरीकुंड से लौटते समय रास्ते में फंस गए थे। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए करीब 40 श्रद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू कर सोनप्रयाग पहुंचाया।
वहीं दूसरी ओर, यमुनोत्री हाईवे पर भी हालात गंभीर बने हुए हैं। सिलाई बैंड क्षेत्र में चार दिन पहले बादल फटने की घटना के बाद सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ओजरी के पास नाले में अचानक आए उफान के कारण सड़क का करीब 25 मीटर हिस्सा बह गया है। इसके चलते वाहनों की आवाजाही बंद है और तीर्थयात्रियों को पैदल ही निकालने का प्रयास किया गया। बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे 254 यात्रियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
इतना ही नहीं, सिलाई बैंड में बादल फटने और मलबा बहने के कारण सात लोग लापता हो गए हैं। उनकी तलाश के लिए NDRF की टीम स्निफर डॉग्स की मदद से सर्च अभियान चला रही है। साथ ही, पुलिस, SDRF और ITBP भी इस अभियान में जुटी हुई हैं।
राहत के तौर पर खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से फंसे हुए यात्रियों को भोजन और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई। प्रशासन की ओर से उन्हें बड़कोट पहुंचाया गया जहां चिकित्सा और आश्रय की व्यवस्था की गई थी।
प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग (NH) युद्धस्तर पर सड़क बहाली का कार्य कर रहे हैं, लेकिन ओजरी के पास हार्ड रॉक क्षेत्र होने के कारण काम में काफी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं सिलाई बैंड में कीचड़ और मलबा अधिक होने से भी सड़क खोलने में समय लग रहा है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि प्रशासन का पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द केदारनाथ और यमुनोत्री की ओर जाने वाले मार्गों को फिर से सुचारू किया जाए। साथ ही कुपड़ा मोटर मार्ग पर भी छोटे वाहनों की आवाजाही बहाल करने की कोशिश की जा रही है। जब तक मार्ग पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता, प्रशासन यात्रा पर रोक जारी रखेगा।



