धुएं से दूर, हरियाली के पास: जयपुर की ‘ग्रीन शादी’ ने दिया स्वच्छ और बिना दहेज वाले भारत का संदेश

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ग्रीन शादी
धुएं से दूर, हरियाली के पास: जयपुर की ‘ग्रीन शादी’ ने दिया स्वच्छ और बिना दहेज वाले भारत का संदेश

धुएं से दूर, हरियाली के पास: जयपुर की ‘ग्रीन शादी’ ने दिया स्वच्छ और बिना दहेज वाले भारत का संदेश

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : धुएं और दहेज- दो ऐसी परंपराएँ जो समाज और पर्यावरण दोनों को घुटन देती हैं| इनसे दूर जाकर जयपुर के समीप सामोद गाँव में आज एक अनोखी “ग्रीन शादी” हुई, जिसने एक नई सोच को जन्म दिया। लक्ष्य पवन श्याम कौरा और पूजा मलिक के विवाह ने यह साबित किया कि अगर इरादे साफ हों तो एक शादी समाज और प्रकृति दोनों के लिए प्रेरणा बन सकती है। दोनों परिवार मूल रूप से दिल्ली के हैं और वर्तमान में फरीदाबाद में रहते हैं। राजधानी से जुड़े इन परिवारों ने जयपुर की धरती पर यह ग्रीन शादी करके दिखाया कि बदलाव की शुरुआत घर से ही होती है- जहाँ प्रेम, समानता और पर्यावरण एक साथ पवित्र बंधन में बंधते हैं।

कौरा और मलिक परिवार ने इस विवाह को शून्य दहेज और शून्य प्रदूषण के रूप में मनाया। न कोई बैंड-बाजे का शोर, न पटाखों का धुआँ, न दिखावे का भार; बस सादगी, संवेदनशीलता और पर्यावरण के प्रति सम्मान। विवाह स्थल पर वर–वधू ने वेदी के पास एक पौधा रोपित किया! यह प्रतीक था उस रिश्ते का जो विकास, समानता और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी में जड़ें जमाता है। हर अतिथि को उपहार में बीजों का पैकेट दिया गया ताकि वे भी अपने घरों में हरियाली बोएँ- जैसे इस विवाह ने समाज में उम्मीद बोई है। दहेज या भौतिक उपहारों की जगह दूल्हे और दुल्हन के पिता ने बोनसाई पौधा एक-दूसरे को भेंट किया- यह संयम, जीवन और संतुलन का प्रतीक था।


दूल्हे के पिता संजयव कौरा ने कहा, “ग्रीन मैरिज संपत्ति नहीं, संस्कारों का उत्सव है; उपभोग नहीं, योगदान का संदेश है। यह प्रेम को जिम्मेदारी के साथ मनाने की एक शांत क्रांति है।”

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