संविधान दिवस पर बी.एम.डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल में कार्यक्रम आयोजित सुहानी भाटी और राम सैनी नें लिया चर्चा में भाग

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संविधान दिवस
संविधान दिवस पर बी.एम.डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल में कार्यक्रम आयोजित सुहानी भाटी और राम सैनी नें लिया चर्चा में भाग

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : बी.एम.डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल भूपतवाला हरिद्वार में सविंधान दिवस के स्थापना दिवस के मौके पर शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम में शिक्षकों तथा अन्य स्टाफ नें भी भाग लिया कार्यक्रम में वक्ताओं नें बच्चों को सविंधान स्थापना के बारे में विस्तार से बताया तथा सविंधान के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की गई | स्कूली बच्चों नें सविंधान की रखा की शपथ भी ली और कहा सविंधान के दिखाए रास्ते पर चलकर ही देश को उन्नत बनाया जा सकता है | स्कूल की छात्रा सुहानी भाटी तथा राम सैनी नें सविंधान दिवस पर आयोजित परिचर्चा में बड़े ही प्रभावशाली ढंग से विचार रखे जिसकी सराहना सभी नें की |

सुहानी भाटी नें चर्चा में भाग लेते हुए कहा भारत का संविधान, दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान, 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था. संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि और संवैधानिक मूल्यों की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है | ।

सविंधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को पहली बार भारत सरकार द्वारा संविधान दिवस सम्पूर्ण भारत में मनाया गया तथा 26 नवम्बर 2015 से प्रत्येक वर्ष सम्पूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इससे पहले इसे राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।[1][2] संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया।[3] गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान अमल में लाया गया। राम सैनी नें चर्चा में भाग लेते हुए कहा डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के इस महान योगदान के रूप में भारत सरकार द्वारा पहली बार 26 नवम्बर 2015 को “संविधान दिवस” मनाया गया तथा 26 नवम्बर 2015 से प्रति वर्ष सम्पूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है। 26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने और डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करने के लिए चुना गया था। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की व्यवस्था को संचालित करने वाला विश्व का सबसे बड़ा संवैधानिक लिखित दस्तावेज, भारत का संविधान, को लागू हुए आज 76 साल पूरे हो गये. हमारा संविधान आज भी उतना ही महत्वपूर्ण और प्रासंगिक है |

सुहानी भाटी नें चर्चा में भाग लेते हुए कहा इसकी प्रासंगिकता और इसमें निहित संवैधानिक मूल्यों को याद दिलाने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. हालांकि आजाद भारत में 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया था, लेकिन 26 नवंबर का दिन ख़ास है क्योंकि इसी दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने संविधान को विधिवत अपनाया था | सुहानी नें कहा डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा ने देश को एक ऐसा कल्पनाशील दस्तावेज़ दिया, जिसमें राष्ट्रीय एकता को बनाए रखते हुए विविधता के प्रति गहरा सम्मान दिखाई देता है. भारत का संविधान भारत को संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणतंत्र घोषित करता है और अपने नागरिकों के लिए समानता, स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी देता है. और संविधान के मूल्यों की रक्षा करना हमारे हाथ में है |

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