राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं है  : कैलाश जैन

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राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं है  : कैलाश जैन
राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं है  : कैलाश जैन

राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं है  : कैलाश जैन

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : राजधानी दिल्ली में अपराध दर लगातार बढती जा रही है | अपराधी बेख़ौफ़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं केंद्र सरकार अपराधों को काबू पाने में नाकाम साबित हो रही है तो दिल्ली सरकार इससे पाला झाड़ रही है और दिल्ली सरकार के मुखिया का कहना है लॉ एंड आर्डर हमारे आधीन ही नहीं है | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कैलाश जैन का | कैलाश जैन कहते है अरविन्द केजरीवाल यह भूल रहे हैं निर्भया काण्ड के बाद उन्होंने ही शीला दीक्षित सरकार को कटघरे में खड़ा किया था और शीला दीक्षित के खिलाफ आन्दोलन को हवा दी थी |

कैलाश जैन कहते हैं  अरविन्द केजरीवाल का दिल्ली में शाहबाद डेयरी की बेटी साक्षी की हत्या पर यह कहना कि कानून व्यवस्था उपराज्यपाल के आधीन है, पूरी तरह से गैर जिम्मेदारा और दिल्लीवालों से मिले पूर्ण बहुमत का अपमान है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अपराधी खुले आम घूम रहे है, जबकि दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में औसतन 5 लड़कियां का प्रतिदिन बलात्कार होता है जिनमें अधिकतर गरीब परिवारों की हैं।  दिल्ली रेप केपिटल बन चुकी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में निर्भया कांड ने दिल्ली को शर्मशार कर दिया था और उस वक्त निर्भया हत्याकांड को भुनाने
वाले लोग आज प्रतिदिन निर्भया जैसी घटनाओं पर चुप क्यों है।

कैलाश जैन  ने कहा कि भाजपा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है,परंतु राजधानी में एक तरफ बेटी की हत्या हो रही है और दूसरी तरफ राष्ट्र का गौरव बढ़ाने वाली महिला पहलवानों पर पुलिस लाठी बरसाती है। उन्होंने कहा कि भाषणों से कुछ नही होगा जनता जवाब मांग रही है भाजप और आम आदमी पार्टी को बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों पर जनता को जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल की दिल्ली में हो रहे अपराधों को खत्म करने के लिए कोई नैतिक जिम्मेदारी नही है |

कैलाश जैन  ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में दिल्ली में अपराध का ग्राफ इस कदर बढ़ गया है कि राजधानी महिलाओं के लिए सुरक्षित नही है। आम आदमी पार्टी और भाजपा के शासन में दिल्ली कैंट, पीरा गढ़ी, कोंडली में हुई नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार के बाद उनकी हत्या तथा रोहिणी कोर्ट और साकेत कोर्ट में खुले आम गोलीबारी की घटना बिगड़ती कानून व्यवस्था का ज्वलंत उदाहरण है।

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