पुलिस की वर्दी में फरिश्ता बना थानाध्यक्ष
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली , हैडलाइन पढ़ आप सोच रहे होंगे ये क्या लिख दिया और ये कैसे हो सकता है | दरअसल पुलिस की छवि ही कुछ ऐसी है या लोगो के दिमाग में बनी हुई है | लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी पुलिसकर्मी कडक होते हैं और उनमे मानवता नाम की कोई चीज नहीं होती | यह बात जरुर है ज्यादातर पुलिसकर्मी
कडक होते हैं कुछ अपनी वर्दी की ऐंठ में रहते है तो कुछ हवाबाजी में लेकिन बहुत से ऐसे भी हैं जो खुद को समाज का हिस्सा मानते हैं और उनसे समाज के लिए खासतौर से जरुरतमन्द लोगो के लिए जो कुछ बनता है जरुर करते हैं | उनमे से एक नाम रमेश प्रसाद का भी है जो आजकल लक्ष्मी नगर के
थानाध्यक्ष हैं ।
इससे पूर्व रमेश प्रसाद मानसरोवर पार्क में अति.थानाध्यक्ष भी रह चुके है | अपनी सादगी की छाप वे हर जगह छोड़ जाते हैं | और उनके तबादले के बाद लोग उन्हें याद भी करते है यह कहकर कि बड़े अच्छे साहब थे जिनका तबादला हो गया | उनके मातहत स्टाफ भी उनकी कार्यशैली का कायल रहता है | आजकल रमेश प्रसाद एक अनोखी और सराहनीय कार्य में लगे हुए हैं | रमेश प्रशाद ने आपने थाना क्षेत्र में आज जगह जगह जाकर उन बच्चों को ढूढा जिन बच्चो के पैरों में जूते चप्पल नही थी । उन्हें खुद अपने हाथों से जूते पहना कर बच्चों के मुख पर मुस्कुराहट बिखेरने का कार्य किया।
रमेश प्रसाद के बारे में कहा जाता है कि ये पेट्रोलिंग के दौरान ऐसे बच्चों को चिन्हित करते हैं जो अभावग्रस्त होते हैं और उनकी फिर यथासंभव मदद करने को तत्पर हो जाते हैं | बताओ है न पुलिस की वर्दी में फरिश्ता | और यह बात थानाध्यक्ष नें हमे नहीं बताई बल्कि उनके क्षेत्र के तहत एक संस्था जो जनहित के कार्य करती है के पदाधिकारी नें बताई | ऐसे पुलिस अधिकारी से सभी पुलिसकर्मियों को सीख लेनी चाहिए और जुट जाना चाहिए जरुरतमन्द लोगो की मदद में | और यदि कुछऔर भी इस मुहीम में उनके साथ जुड़ गए तो यह कारवां बढ़ता ही चला जाएगा और शायद कोई जरुरतमन्द तपती धूप में नगें पाँव नहीं चलेगा |