महापौर का चुनाव किए बिना तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित, न्यायालय जाएगी ‘आप’

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दिल्ली नगर निगम सदन की कार्यवाही के महापौर का चुनाव किए बिना तीसरी बार स्थगित होने के बाद आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने सोमवार को कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी ताकि ‘‘अदालत की निगरानी में’’ महापौर पद के लिए चुनाव हो सके। दिल्ली नगर निगम सदन में पीठासीन अधिकारी के महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने पर हुए हंगामे के बाद सोमवार को एक बार फिर महापौर का चुनाव नहीं हो पाया और कार्यवाही अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दी गई। दिल्ली नगर निगम सदन की कार्यवाही सोमवार को आधे घंटे की देरी के बाद पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई। इसके तुरंत बाद ही शर्मा ने घोषणा की कि महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव एक-साथ होंगे।

इस घोषणा के बाद ‘आप’ के पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। पार्टी के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि ‘एल्डरमैन’ वोट नहीं दे सकते। सदन से बाहर आने के बाद ‘आप’ की नेता आतिशी ने कहा, ‘‘ हम उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे और आज ही याचिका दायर करेंगे ताकि अदालत की निगरानी में महापौर पद के लिए चुनाव हो सके।’’ दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत महापौर और उप महापौर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए। हालांकि नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया महापौर नहीं मिला है। इससे पहले एमसीडी सदन की बैठक छह जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दी। एमसीडी चुनाव में ‘आप’ 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं।

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