नेपाल की जेल से रिहा होकर फ्रांस निर्वासन के लिए हवाईअड्डे रवाना हुआ शोभराज

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कुख्यात अपराधी चार्ल्स शोभराज को शुक्रवार को नेपाल के एक कारागार से रिहा किये जाने के बाद फ्रांस निर्वासित करने के लिए हवाई अड्डे ले जाया गया। भारतीय और वियतनामी माता-पिता के फ्रांसीसी मूल के बेटे शोभराज को यहां केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया और यात्रा दस्तावेज से संबंधित प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे आव्रजन अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शीर्ष अदालत ने दो दिन पहले उसे रिहा करने और उसके देश वापस भेजने का आदेश दिया था। शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटि चिंतन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शोभराज को फ्रांस निर्वासित करने के लिए त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ले जाया गया। उन्होंने कहा कि शोभराज पहले दोहा जाएगा और शाम छह बजे कतर एयरवेज की उड़ान से पेरिस जाएगा। यहां खबरों में दावा किया गया कि बाकी पूरी जिंदगी उसके नेपाल लौटने पर रोक रहेगी।

‘ऑनलाइन खबर नेपाल’ के एक समाचार में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि अपने देश भेजे जाने के बाद शोभराज के यहां आने पर आजीवन पाबंदी रहेगी। हालांकि, यह भी खबर है कि उसने दस दिन तक इलाज के लिए गंगालाल अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगाई थी। 2017 में उसकी दिल की सर्जरी हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कारागार प्रबंधन प्राधिकार को कुख्यात हत्यारे को रिहा करने का और आव्रजन के माध्यम से 15 दिन के भीतर फ्रांस निर्वासित करने का निर्देश दिया था, जब तक वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हो। न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की खंड पीठ ने सरकार को उसके फ्रांस निर्वासन का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि शोभराज को रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि वह अपनी कारावास की 95 प्रतिशत सजा पूरी कर चुका है। ‘बिकनी किलर’ नाम से कुख्यात शोभराज 1975 में नेपाल में अमेरिकी महिला कॉनी जो ब्रोंजिक की हत्या के सिलसिले में 2003 से काठमांडू की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था।

उसे 2014 में कनाडाई पर्यटक लॉरेंट कैरियर की हत्या का दोषी ठहराया गया और दूसरी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी। नेपाल में उम्रकैद की सजा का मतलब 20 साल का कारावास है। शोभराज ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि उसे जरूरत से अधिक समय तक जेल में रखा गया है। इसके बाद शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने आदेश सुनाया। जेल में 75 प्रतिशत सजा पूरी कर चुके और इस दौरान अच्छा चरित्र दर्शाने वाले कैदियों को रिहा करने का कानूनी प्रावधान है। शोभराज ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया था कि उसने नेपाल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को देखते हुए जेल की सजा पूरी कर ली है। उसने दावा किया कि वह अपनी 20 साल की सजा में से 19 साल जेल में रह चुका है और अच्छे व्यवहार के लिए उसकी रिहाई की सिफारिश की जा चुकी है। शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के एक कैसिनो में देखा गया था और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उस पर मुकदमा चलाया गया और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गयी।

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