असम में नदियों में उफान के चलते बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। ब्रह्मपुत्र, बराक और उनकी सहायक नदियां कहर बरपा रही हैं। इस प्राकृतिक आपदा में लगभग 55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के चलते विभिन्न स्थानों पर सात और लोगों की मौत हो गई है। इस साल प्राकृतिक आपदा के कारण 89 लोग जान गंवा चुके हैं।अधिकारियों के अनुसार, भुवनेश्वर से एनडीआरएफ के जवान असम भेजे गये हैं। करीमगंज और कचार जिलों में बराक और कुशियारा नदियों का जलस्तर बढ़ने से स्थिति गंभीर बनी हुई है।
राज्य के 36 में से 32 जिलों के 55,42,053 लोग बाढ़ से प्रभावित
कचार में 506 गांवों के 2.16 लाख लोग और करीमगंज में 454 गांवों के 147 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, राज्य के 36 में से 32 जिलों के 55,42,053 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 12.51 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।लगातार बारिश से आई बाढ़ के चलते 2.62 लाख लोगों ने 862 राहत शिविरों में शरण ली है। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कुछ दिनों पहले कई राहत शिविरों का दौरा किया था। वहीं बांग्लादेश में भी बाढ़ के चलते मानवीय संकट पैदा हो गई है।