भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रागनानंदा ने जीता नार्वे शतरंज ओपन का खिताब

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भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रागनानंदा नार्वे आज शतरंज ग्रुप ए ओपन शतरंज टूर्नामेंट के नौ दौर के मुकाबले में 7.5 अंकों के साथ विजेता बने। विश्व के नंबर एक रैंकिंग वाले 16 वर्षीय जीएम ने अपने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए पूरे टूर्नामेंट के दौरान अजेय रहे। उन्होंने साथी भारतीय अंतरराष्ट्रीय मास्टर वी प्रणीत पर जीत के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। प्रागनानंदा दूसरे स्थान पर काबिज आईएम मार्सेल एफ्रोइम्स्की और आईएम जंग मिन सेओ से एक अंक आगे रहे। प्रणीत छह अंकों के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थे, लेकिन कम टाई-ब्रेक स्कोर के कारण आखिरी तालिका में छठे स्थान पर खिसक गये। प्रणीत के अलावा प्रज्ञानानंद ने विक्टर मिखलेव्स्की, विटाली कुनिन, मुखमदजोखिद सुयारोव, सेमेन मुतुसोव और माथियास उननेलैंड को शिकस्त दी। उन्होंने अपने अन्य तीन मुकाबले ड्रॉ खेले। गौरतलब है कि प्रगाननंदा ने अपनी बहन के शौक से प्रभावित होकर शतरंज को काफी कम उम्र में ही अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था और उस उम्र में खेल के गुर सीख लिए जब उनकी उम्र के अधिकतर लड़कों को बच्चा कहा जाता है। वे मात्र 3 साल की उम्र में प्रगाननंदा इस खेल से जुड़ गए थे, जबकि उनकी बड़ी बहन वैशाली को इसलिए यह खेल सिखाया गया जिससे कि वह टीवी पर कार्टून देखने में कम समय बिताए। 16 साल के प्रगाननंदा अभी भारतीय शतरंज के भविष्य माने जा रहे हैं।

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