एक्ट्रेस कंगना रनौत के बेबाक अंदाज से हर कोई वाकिफ है। मुद्दा चाहे पर्सनल हो या प्रोफेशनल ‘धाकड़’ स्टार अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटतीं। ऐसा ही कुछ इस बार भी देखने को मिल है, जब उन्होंने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में आवाज उठाई और कहा कि वो “अपनी राय के हकदार” हैं। कंगना ने नुपुर का समर्थन तब किया है, जब पैगंबर मोहम्मद पर राजनेता की विवादास्पद टिप्पणी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है।
नुपुर को जान से मारने वाली धमकियों की भी निंदा की
भाजपा ने रविवार को नुपुर को निलंबित कर दिया और दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया क्योंकि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों के विरोध के बाद विवाद बढ़ गया। कंगना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर, नुपुर को जान से मारने वाली धमकियों की भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हिंदू देवी देवताओं की हर रोज निंदा की जाती है, इसपर कोर्ट का सहारा लिया जाता है। इसी तरह से इस मामले पर भी कंगना ने कानूनी तरीके से अपना विरोध दर्ज कराने का आग्रह किया। कंगना ने अपनी स्टोरी में लिखा, ‘नुपूर अपनी राय रखने की हकदार हैं। उन्हें मिल रही हर तरह की धमिकयां मुझे दिखाई देती हैं।
कंगना रनौत का ये बयान नुपुर को सुरक्षा प्रदान करने के कुछ घंटों बाद आया
वे लगभग हर दिन हिंदू देवताओं का अपमान करते हैं तो हम कोर्ट जाते हैं। कृपया डॉन बनने की जरूरत नहीं है। यह अफगानिस्तान नहीं है। हमारे पास एक चलने वाली सरकार है, जिसे लोकतंत्र नामक प्रक्रिया के साथ चुना गया है। जो भूल गए हैं उनके लिए बस एक रिमाइंडर।‘ कंगना रनौत का ये बयान दिल्ली पुलिस द्वारा नुपुर और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के कुछ घंटों बाद आया है, जब उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें धमकी मिल रही है और उनके कमेंट को लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
मुस्लिम समूहों के प्रदर्शन में कुवैत, कतर और ईरान जैसे देश शामिल
मुस्लिम समूहों के प्रदर्शन में कुवैत, कतर और ईरान जैसे देश शामिल हैं, जिनकी तीखी प्रतिक्रिया के बीच, भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि वो सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है। एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा किए गए एक ट्वीट साझा किया, जिसमें पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की निंदा की गई थी और सभी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया गया था।