चीन के साथ खड़ा हुआ रूस तो भारत के समर्थन में खुलकर आया अमेरिका
जब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने चीन में आयोजित विंटर ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया था, तब पश्चिम के देश भारत की ओर देख रहे थे कि उसका रुख क्या होगा. पश्चिम को उम्मीद थी कि जिस तरह से चीन सरहद पर भारत के खिलाफ आक्रामक है, वैसे में भारत भी बहिष्कार करेगा. लेकिन भारत ने पिछले साल आरआईसी (रूस, इंडिया, चीन) के विदेश मंत्रियों की बैठक में विंटर ओलंपिक को समर्थन देकर सबको चौंका दिया था.
चीनी सैनिक को मशालवाहक बनाया तो भारत को अपना फैसला बदलना पड़ा
अब जब चीन ने विंटर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प मेें जख्मी चीनी सैनिक को मशालवाहक बनाया तो भारत को अपना फैसला बदलना पड़ा और उसने भी राजनयिक बहिष्कार की घोषणा कर दी. अब अमेरिका ने भारत के इस फैसले का स्वागत किया है. भारत ने जब विंटर ओलंपिक का समर्थन किया था तो कहा गया कि ऐसा रूस के दबाव में किया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को बीजिंग विंटर ओलंपिक गेम में अतिथि बनकर पहुंचे हैं जबकि भारत अमेरिका के साथ बहिष्कार करने वाले देशों की पंक्ति में खड़ा हो गया है.
सांसद जिम रिश ने चीन के कदम को बताया ‘शर्मनाक’
अमेरिकी सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के प्रमुख सीनेटर जिम रिश ने चीन के इस कदम को शर्मनाक बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका भारत की संप्रभुता का समर्थन करना जारी रखेगा.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “यह शर्मनाक है कि चीन ने ओलंपिक 2022 के लिए एक ऐसे टॉर्च बियरर को चुना है जो उस सैन्य कमान का हिस्सा है जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था. चीन उइगरों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है. अमेरिका उइगरों की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन करना जारी रखेगा.’