आज दिल्ली के तीनो विरोध स्थल किसान खाली कर देंगे 

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एक साल से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के बुधवार की सुबह गाजीपुर में उत्तर प्रदेश सीमा स्थल  को खाली करने की उम्मीद है। अन्य विरोध स्थल सिंघू और टिकरी बॉर्डर भी आज किसान खाली कर देंगे। सिंघू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को मंगलवार को लगभग हटा दिया गया था, लेकिन गाजीपुर विरोध स्थल को आज खाली किए जाने की उम्मीद है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि टिकरी बॉर्डर पर यात्रियों के लिए सड़कों से सारे अवरोध हटा दिए गए हैं और इस मार्ग पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) युवा विंग के अध्यक्ष गौरव टिकैत मंगलवार को कहा कि अन्य किसान बाहर चले गए हैं और अंतिम जत्था बुधवार सुबह यूपी गेट से रवाना होगा। राकेश टिकैत एक कार में सवार होकर अंतिम जत्था का नेतृत्व करेंगे। यह जत्था पहले हिंडन एलिवेटेड रोड से होकर जाएगा और फिर दिल्ली मेरठ रोड पर सिसोली  की ओर आगे बढ़ेगा। किसानों के विरोध स्थल छोड़ने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण  के अधिकारी बुनियादी ढांचे को किसी भी नुकसान का आकलन करने के लिए सड़क का निरीक्षण करेंगे। हालांकि, एक्सप्रेसवे पर कैरिजवे यातायात के लिए कब खुलेगा, इस पर फिलहाल कहना मुश्किल है।

संसद द्वारा 29 नवंबर को कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया था। विरोध स्थल किसानों के लिए दूसरा घर बन गया था। मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा से आए किसानों ने इस जगह पर तंबू लगाकर अस्थायी रूप से रह रहे थे। इस दौरान यहां लंगर का आयोजन किया गया और प्रदर्शनकारियों के परिवार के कई सदस्य भी उनके साथ शामिल हुए। किसानों ने पिछले साल 26 नवंबर को तीनों कानूनों के विरोध में दिल्ली के टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर घेराबंदी कर उन्हें रद्द करने की मांग की थी। बाद में उस मांग को स्वीकार कर लिया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र को संबोधित करते हुए घोषणा की कि तीनों विवादास्पद कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कानूनों को निरस्त करने के बिल को तुरंत मंजूरी दे दी, जिसे बाद में संसद ने 29 नवंबर को पारित कर दिया।

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